5 पैसे में बिकने वाली भुजिया से 80 देशों तक का सफर: जानिए हल्दीराम(बीकानेरी भुजिया)की स्टोरी

बीकानेर की एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ हल्दीराम का सफर आज 80 से ज्यादा देशों तक फैल चुका है। जानिए 8वीं पास बिशनजी अग्रवाल कैसे बना देश का नमकीन किंग। भुजिया से बनी पहचान: हल्दीराम की प्रेरणादायक कहानी आज अगर किसी से पूछा जाए कि भारत का सबसे पॉपुलर स्नैक्स ब्रांड कौन सा है, तो अधिकतर लोग एक ही नाम लेंगे—हल्दीराम। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी यह भुजिया सिर्फ 5 पैसे प्रति किलो में बिकती थी? शुरुआत बीकानेर की एक दुकान से हल्दीराम की कहानी शुरू होती है राजस्थान के बीकानेर से, जहां मारवाड़ी व्यापारी भीखाराम अग्रवाल ने एक छोटी सी भुजिया की दुकान खोली थी। उनके पोते गंगा बिशनजी अग्रवाल, जिन्हें लोग प्यार से हल्दीराम कहते थे, ने इस दुकान में काम करना शुरू किया। 8वीं पास हल्दीराम ने रच दिया इतिहास महज 8वीं कक्षा तक पढ़े हल्दीराम के पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन उनके पास थी शानदार सोच और विज़न। उन्होंने पारंपरिक भुजिया में नए फ्लेवर और स्टाइल जोड़ने की ठानी। कई प्रयोगों के बाद उन्होंने मोठ के आटे से ऐसी भुजिया बनाई जो सबको पसंद आई। ‘ डूंगर सेव’ बना ब्रांड 1937 में हल्दीराम ने अपनी कंपनी ...