परिणीति बिश्नोई: दुनिया की सबसे छोटी योग विशेषज्ञ की प्रेरक कहानी
परिणीति बिश्नोई: दुनिया की सबसे छोटी योग विशेषज्ञ – 10 साल की उम्र में योग की मिसाल
योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम है। राजस्थान की 10 साल की परिणीति बिश्नोई ने इस प्राचीन कला में इतनी महारत हासिल की है कि वे दुनिया की सबसे छोटी योग विशेषज्ञ के रूप में जानी जाती हैं। उनका सफर हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरक है।
बचपन और योग की शुरुआत
परिणीति बिश्नोई का जन्म जोधपुर जिले के भागासनी गांव में हुआ। उनके पिता रामचंद्र बिश्नोई खुद योग शिक्षक हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपने पिता से योग सीखना शुरू किया। शुरुआती अभ्यास से ही उन्होंने कठिन योगासनों और प्राणायाम में महारत हासिल की। उनके समर्पण ने उन्हें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए प्रेरणा बना दिया।
सोशल मीडिया पर लोकप्रियता
परिणीति सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं। उनके इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर हजारों लोग उन्हें फॉलो करते हैं। वह योग के विभिन्न आसनों, प्राणायाम तकनीक और मानसिक स्वास्थ्य टिप्स साझा करती हैं। उनकी वीडियो और लाइव सेशंस ने लोगों को योग की ओर आकर्षित किया है।
प्रसिद्ध हस्तियों से सराहना
परिणीति की योग कला की सराहना कई प्रसिद्ध हस्तियों ने की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, उद्योगपति और योग गुरु बाबा रामदेव तक उनके योग प्रदर्शन से प्रभावित हुए हैं। बाबा रामदेव ने उनके योग प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि उनके जैसा समर्पण और लगाव बहुत कम उम्र में देखने को मिलता है।
उनकी प्रेरक योग यात्रा
परिणीति की यात्रा यह दिखाती है कि उम्र केवल एक संख्या है। 10 साल की उम्र में उन्होंने साबित कर दिया कि अगर जुनून और समर्पण हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी दिनचर्या में सुबह जल्दी उठना, योगाभ्यास करना और बच्चों को योग सिखाना शामिल है। उनका कहना है कि योग से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक संतुलन और सकारात्मक सोच आती है।
भविष्य के सपने
परिणीति का सपना है कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करके ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतें। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर योग और स्वास्थ्य के महत्व के बारे में चर्चा करना चाहती हैं। उनका आदर्श बाबा रामदेव हैं। उनका लक्ष्य बच्चों को योग की ओर आकर्षित करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
योग के फायदे और परिणीति की शिक्षा
परिणीति बताती हैं कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है। इसके कई लाभ हैं:
- शारीरिक स्वास्थ्य: शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है।
- मानसिक संतुलन: ध्यान और प्राणायाम से तनाव कम होता है।
- सकारात्मक सोच: आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ता है।
- सामाजिक प्रेरणा: बच्चों और युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
परिणीति बच्चों और युवाओं को यह सिखाती हैं कि योग जीवन में अनुशासन और सफलता का माध्यम है।
निष्कर्ष
परिणीति बिश्नोई ने अपनी कम उम्र में यह साबित कर दिया कि जुनून और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी प्रेरक यात्रा न केवल बच्चों, बल्कि सभी उम्र के लोगों के लिए मिसाल है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक शक्ति का भी साधन है।
यदि आप परिणीति बिश्नोई के योग अभ्यास और वीडियो देखना चाहते हैं, तो आप उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल और फेसबुक पेज पर जा सकते हैं।