भारत में बैंकिंग घोटालों की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है।
इस बार घोटाले की ज़द में आया है सरकारी बैंक UCO Bank। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुबोध कुमार गोयल को 6210.72 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 16 मई 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिल्ली में उनके आवास से की गई।
क्या है UCO Bank घोटाला?
यह मामला एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी का है, जिसमें कंकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) नामक कंपनी को गलत तरीके से लोन देने का आरोप है। गोयल पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बैंकिंग नियमों को दरकिनार करते हुए इस कंपनी को भारी-भरकम क्रेडिट सुविधाएं दीं। इसके बदले में उन्हें रिश्वत के रूप में कैश, लग्ज़री आइटम्स, महंगी प्रॉपर्टी और होटल बुकिंग्स दी गईं।
कैसे हुआ घोटाला?
ED की जांच में सामने आया कि गोयल और अन्य आरोपियों ने शेल कंपनियों के जरिए फंड को डायवर्ट किया और उसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। ये पैसा बैंक को लौटाया नहीं गया, जिससे UCO Bank को भारी नुकसान हुआ।
ED की कार्रवाई
जांच एजेंसी को छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं, जो इस अवैध लेन-देन की पुष्टि करते हैं। ईडी का कहना है कि यह घोटाला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई और बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है।
नतीजा और असर
इस बड़े घोटाले से एक बार फिर भारत में सरकारी बैंकों की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता के विश्वास को गहरा धक्का लगा है। इस केस की जांच जारी है और ED आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां कर सकती है।
UCO Bank Fraud Case – मुख्य तथ्य:
आरोपी:
सुबोध कुमार गोयल, UCO Bank के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर।
आरोप:
210.72 करोड़ रुपये के लोन में गड़बड़ी और हेराफेरी का मामला।
मनी लॉन्ड्रिंग, रिश्वतखोरी, बैंकिंग नियमों की अनदेखी, और फंड डायवर्जन (धन का गलत उपयोग)।
गिरफ्तारी:
16 मई 2025 को दिल्ली स्थित उनके आवास से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा।
कंपनी का नाम:
कंकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) – जिसे अनुचित तरीके से क्रेडिट सुविधाएं दी गईं।
रिश्वत के रूप:
नकद, महंगी प्रॉपर्टी, लग्ज़री आइटम्स, होटल बुकिंग जैसी सुविधाएं।
यह सब शेल कंपनियों (Shell Companies) के ज़रिए अंजाम दिया गया।
जांच और सबूत:
ईडी को जांच में कई अहम दस्तावेज़ और अवैध लेन-देन से जुड़े सबूत मिले हैं।
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