MAHAKUMBH : किस्मत का सिक्का उछला, एक दिन में एक लाख कप चाय बिकी, एक दिन लाखों का मुनाफा

Thursday, 27 February 2025 ·

 टी–पॉइंट (T-POINT)



महाकुंभ मेले में चमकी किस्मत, एक दिन में बेच डाली एक लाख कप चाय। शेयर मार्केट में कंपनी उतरने की कर रही तैयारी।

कंपनी का बिज़नेस फ्रेंचाइजी मॉडल का हैं, कोरोना काल में कंपनी को हुआ था नुकसान, अब कंपनी कर रही कम–बैक।




नई दिल्‍ली : उत्तरप्रदेश में कुंभ मेले के दौरान चाय पॉइंट को जोरदार सफलता मिली। कंपनी ने अपने लिमिटेड एडिशन स्टोर्स के जरिए एक दिन में एक लाख से ज्‍यादा कप चाय बिकी। इससे ब्रांड की लोकप्रियता में इजाफा हुआ। चाय पॉइंट फेमस चाय चेन है। यह शेयर बाजार में अपनी जगह बनाने की तैयारी में है। इसके सह-संस्थापक तरुण खन्ना ने बताया। 2009 में मुंबई के कैफे में चाय की पीने के दौरान हार्वर्ड के प्रोफेसर खन्ना और उनके छात्र अमूल्य सिंह बिजराल के दिमाग में यह आइडिया आया था। उनका मकसद लोगों तक अच्छी क्वालिटी की साफ-सुथरी और सस्ती चाय पहुंचाना था।


 कंपनी का बिज़नेस फ्रैंचाइजी पर आधारित नहीं, बल्कि कंपनी के स्वामित्व वाला है। कोरोना काल के दौरान कंपनी को काफी घाटा हुआ। लेकिन, अब वह वापसी कर रही है और विकास के रास्ते पर है। 'इंडिया रन्स ऑन चाय' के नारे के साथ चाय पॉइंट सिर्फ एक चाय कंपनी नहीं, बल्कि देश की रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। टेक्नोलॉजी और परंपरा के मेल से कंपनी भारत के चाय अनुभव को नया रूप देना चाहती है।




चाय पॉइंट की कंपनी 2009 में खुली थी। हार्वर्ड के प्रोफेसर तरुण खन्ना और उनके छात्र अमूल्य सिंह बिजराल मुंबई के एक कैफे में चाय पी रहे थे। तभी उन्हें यह विचार आया कि लोगों को अच्छी क्वालिटी की साफ-सुथरी और सस्ती चाय उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मुंबई में व्‍यक्ति को देखा जो गंदे माहौल में प्लास्टिक के कप में चाय बेच रहा था। इससे उन्हें एक ऐसे ब्रांड को बनाने का आइडिया आया जो आम लोगों को अच्छी और साफ चाय सस्ते दामों पर दे सके और ऐसे विक्रेताओं के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा कर सके। 


4 साल तक बन्द गुफा में बिना कुछ ग्रहण किए तपस्या की, कलयुग में आव‌ड़ का अवतार शक्ति स्वरूपा आई श्री तखत बाईसा देवका, शिव, बाड़मेर

Sunday, 23 February 2025 ·

कलयुग में आव‌ड़ का अवतार शक्ति स्वरूपा आई श्री तखत बाईसा देवका, शिव, बाड़मेर 



बाड़मेर जिले के शिव तहसील के देवका गांव में गेमरदान बाहरठ के घर कन्या के रूप में जन्मे शक्ति स्वरूपा मां आवड़ उपासक आई श्री तखत बाईसा जो जन्म से ही मां आवड़ की पूजा अर्चना और आराधना करते हैं । 


पिछले 4 वर्ष से मातेश्वरी जगत जननी मां आवड़ तेमबड़ेराय राय की बंद गुफा में कठोर तपस्या वह आराधना को संपन्न करके कल शाम 7:00 बजे श्री करणी माता मंदिर देवका में सिंह गर्जना के साथ साक्षात दर्शन दिए हजारों की तादाद में उमड़ी भीड़ वह रात को 10:00 बजे देवका में बने देवी स्थलों के दर्शन के लिए जैसे देवल माता मंदिर, जोमां माता मंदिर, आईनाथ माता मंदिर, माजीसा मंदिर आई श्री तखत बाईसा जो पिछले 4 वर्ष से बंद कमरे में वह उसके अंदर भी ध्यान लगाने व पूजा अर्चना के लिए गुफा बनाई हुई है उसे कमरे वह गुफा के अंदर ना लाइट है ना कोई पंखा कूलर । उस कमरे के अंदर दो सांप भी रहते हैं जो आम भक्तों को सांप सोमवार को ही दर्शन देते हैं और वह कोई खाना-पीना नहीं है । आई श्री तखत  बाईसा के और भी अनेक परसे भी हैं आई श्री तखत बाईसा ने 4 साल कुछ भी ग्रहण नहीं किया । सिर्फ मंत्र देवी की तपस्या की आज सुबह बिना किसी को बताएं अकेले ही रवाना हुए तखत बाईसा देवका से हड़वेचा गौ माता मंदिर पैदल यात्रा के लिए । एडवेचा गौ माता मंदिर पहुंचने ही करणी माता का सांवली रूप में दर्शन हुआ आई श्री तखत बाईसा को वह सभी भक्तों को भी ।




आई श्री तखत बाईसा द्वारा वहां  पर पधारे सभी भक्तों को अपने हाथ से फलाहार प्रसादी वितरण की व आशीर्वाद स्वरूप दो शब्द भी करें । 



तखत बाईसा जन्म से ही मां आवड़ की पुजा-अर्चना करती है
मां आवड़ जैसलमेर के भाटी शासकों की कुलदेवी हैं और उनका जन्म सारण वंश में हुआ था 



4 साल की कठोर तपस्या के बाद  तखत बाईसा ने मां आवड़ के तेमबड़ेराय मन्दिर की बंद गुफा में ध्यान पूरा कर सिंह गर्जना के साथ करणी माता मंदिर देवका में साक्षात दर्शन दिए। जैसे ही यह खबर फैली हजारों श्रद्धालुओं की‌ भीड़ उमड़ पड़ी दर्शन के लिए। 







अब भाटी को लोग कहने लगे डॉ. रविंद्र सिंह भाटी, रविंद्र सिंह भाटी को पंजाब के एक यूनिवर्सिटी ने दी डॉ. की उपाधि,

Sunday, 16 February 2025 ·
भाटी को लोग कहने लगें डॉ. रविन्द्र सिंह भाटी


शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी बीते कुछ दिनों से पंजाब दौरे में है ।
पंजाब में कहीं जगह कार्यक्रम में भाग लिया, और पंजाब में भी रवीन्द्र सिंह भाटी के फैंस की उमड़ा जनसैलाब, कहीं जगह भाटी का हुआ स्वागत ।


Ravindra Bhati Doctoral Degree:

बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी को पंजाब की एक यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की हैं. भाटी को यह उपाधि मिलने के बाद उनके समर्थक अब रविंद्र सिंह भाटी के नाम के आगे डॉ जोड़कर डॉ रविंद्र सिंह भाटी लिखकर बधाई दे रहे हैं. भाटी पंजाब के देश भगत विश्वविद्यालय सत्र 2024 के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पंजाब पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें डॉक्टरेट की मानक उपाधि (डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी) सम्मानित किया हैं.

समाज सेवा के लिए दी गई ये उपाधि
देश भगत विश्वविद्यालय के एडमिशन हेड हेमंत गहलोत ने बताया कि देश भगत विश्वविद्यालय समाज सेवा के क्षेत्र में समाज के हितों में काम करने वाली हस्तियों के हौसला हफ़जाई के लिए सम्मान देती हैं. जिससे उनका हौसला बढ़े और वें इस क्षेत्र में उत्साह के साथ आगे बढ़ते रहें. इसी के चलते रविंद्र सिंह भाटी को यह उपाधि प्रदान की गई हैं.


आज पंजाब स्थित देशभगत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ, जहां सभी स्नातक छात्रों को उनकी उपलब्धियों पर शुभकामनाएँ दीं। साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई पीएचडी की मानद उपाधि के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह सम्मान न केवल मेरे लिए, बल्कि उन मूल्यों और प्रयासों के लिए भी विशेष है, जिनके प्रति मैं समर्पित रहा हूँ। विश्वविद्यालय परिवार का धन्यवाद, जिन्होंने इस सम्मान के योग्य समझा। यहाँ मौजूद समस्त अपनों द्वारा मिले प्रेम एवं स्नेह के लिए हृदय की गहराइयों से आभार।


पहली बार मोनालिसा ने डांस किया और फैंस को हैप्पी वैलेंटाइन डे बोला, मोनालिसा को देखने के लिए उमड़ी भीड़

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माला बेचने वाली मोनालिसा पहुंची केरल 





खूबसूरत कत्थई आंखों से हुई वायरल
प्रयागराज महाकुंभ में अपनी कत्थई आंखों वजह से वायरल हुई मोनालिसा मध्यप्रदेश के महेश्वर की रहने वाली हैं जो कि अपने परिवार के साथ महाकुंभ में मालाएं बेचने के लिए गई थीं। महाकुंभ में मोनालिसा की खूबसूरती को देख हर कोई उनके साथ सेल्फी लेने लगा और और उनके वीडियो तेजी से वायरल हुए थे। हालांकि इसी कारण मोनालिसा के इर्द गिर्द लोगों की भीड़ लगने लगी थी जिसके कारण मोनालिसा को महाकुंभ छोड़कर वापस आना पड़ा था। मोनालिसा के वायरल वीडियो देखकर ही फिल्म डायरेक्टर मनोज मिश्रा ने उन्हें फिल्म का ऑफर दिया था।


आपको बता दें अभी 14 फरवरी के मौके पर मोनालिसा केरल पहुंची थीं और इस इवेंट में उन्होंने वहां के लोगों को अपने टैलेंट की एक झलक भी दिखाई थी। मोनालिसा ने इस इवेंट में पिंक कलर का लहंगा पहना था और वो काफी खूबसूरत भी लग रही थीं। मोनालिसा को देखने के लिए इस इवेंट में सैकड़ों लोग पहुंचे थे और वो उनके साथ एक फोटो भी खिंचवाना चाहते थे। मोनालिसा में स्टेज पर डांस किया था और उन्हें देखने आए लोगों को फ्लाइंग किस भी दिया था।

मोनालिसा के खाते में एक फिल्म भी है, जो उन्हें डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने ऑफर की है। इस फिल्म का नाम है- 'डायरी ऑफ मणिपुर'। इस फिल्म में मोनालिसा को साइन करने के लिए सनोज मिश्रा उनके घर पहुंचे थे और उनके परिवार के सामने ही ये फिल्म ऑफर की थी। सनोज ना सिर्फ उन्हें एक्टिंग की ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं बल्कि उन्हें पढ़ा भी रहे हैं।

महाकुंभ की वायरल गर्ल मोनालिसा इन दिनों छाई हुई हैं। उनकी खूबसूरती के चर्चे हर ओर हो रहे हैं और ये चर्चे इतने जोरों-शोरों से हुए कि उन्हें एक फिल्म में एक्ट्रेस बनने का मौका भी मिल गया।

राजस्थानी संस्कृति और रीति रिवाज के वीडियो देखने के लिए फोलो करें 👇👇

Barmer: विरधाराम सियोल, पुलिस ने कहा तस्कर हैं, अब अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

Friday, 14 February 2025 ·
पुलिस द्वारा 2 करोड़ की हवेली, 3 लग्जरी बस और एक क्रेटा गाड़ी को सीज करने के 19 घंटे बाद सड़क हादसे में विरधाराम सियोल की मौत हो गई. बुधवार को सियोल की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ जुटी.



विरधाराम ने कुछ दिनों पहले ही बाड़मेर में दो करोड़ की एक आलीशान कोठी बनवाई थी. जिस समय पुलिस इसे सीज करने पहुंची उस समय घर में पूजा-पाठ हो रही थी. 

धवार को विरधाराम सियोल का अंतिम संस्कार बाड़मेर जिले में हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी. अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने विरधाराम को मददगार और हंसमुख बताया. लोगों ने कहा कि कानून की नजर में वो भले तस्कर था, लेकिन लोगों की मदद में हमेशा आगे रहता था. विरधा की ऐसी मौत की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. 


कल चर्चा में थे, आज दुनिया में ही नहीं'

राजस्‍थान के सोशल मीडिया में विरधाराम सियोल सुर्खियों में बने हुए हैं। वजह यह है कि पुलिस कार्रवाई के महज 19 घंटे बाद ही विरधाराम सियोल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके बारे में लिखा जा रहा है कि -जो कल तक चर्चा में थे, वो आज दुनिया में ही नहीं हैं।' विरधाराम सियोल राजस्‍थान में बाड़मेर के गांव गालाबेरी (Gala Beri) का रहने वाला था।

तस्कर विरधाराम सियोल ने नशा तस्करी से अर्जित अवैध संपत्ति को वैध दिखाने के लिए पत्नी के नाम से वी.आर. सियोल कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के जरिए वह अवैध कमाई को बिजनेस प्रोफिट के रूप में दिखाता था, ताकि उसका पैसा कानूनी रूप से वैध लग सके।

पुलिस ने छह महीने की लंबी जांच के बाद इस संपत्ति की पहचान की, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से उसका ITR निकाला और आय के स्रोतों की गहन पड़ताल की। जांच में पाया गया कि 5 संपत्तियों का कोई वैध हिसाब नहीं था, जिसके बाद सक्षम प्राधिकारी और प्रशासक, NDPS एक्ट, नई दिल्ली ने संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश दिए।


बता दें कि करोड़ों के मालिक विरधाराम सियोल अपने पीछे पत्‍नी के अलावा के दो बच्‍चे और बुजुर्ग माता-पिता छोड़कर गए हैं। वे इकलौते बेटे थे। बेटी याशिका उनके दिल के बहुत करीब थी, जिसकी एक बानगी विरधाराम सियोल के इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर शेयर की तस्‍वीरें हैं। विरधाराम सियोल बाड़मेर के रहने वाले युवा उद्यमी थे, जो श्री गणेश ट्रेवल्स, VR सियोल कंस्ट्रक्शन कंपनी और यशिका इंटरप्राइज के मालिक थे।



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