कांस्टेबल ने भाई के साथ मिलकर अपने साथी पुलिसकर्मीयो से ठगे करोड़ो रुपए, दिखाए थे बड़े सपने

Tuesday, 15 April 2025 ·

 अजमेर में दिल दहला देने वाली ठगी, सैकड़ो पुलिसकर्मियों को उनके साथी कांस्टेबल ने लगाया करोड़ों का चूना।



जांच में पता लगा है कि पवन ने पुलिसकर्मियों को ठगने के लिए कहीं तरीके अपनाए. किसी को हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया, तो किसी को अनोखी दवा के बिजनेस में मोटा मुनाफा दिलाने का वादा किया, तो किसी को 20% का ब्याज देने का लालच दिया।


राजस्थान के अजमेर जिले का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कहीं पुलिसकर्मियों को ठगी का शिकार बनाया गया. और सबसे अनोखी वाली बात ये है कि उन्हें ठगने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उन्हीं का साथी कांस्टेबल व दोस्त निकला. पुलिस लाइन अजमेर में पोस्टेड कांस्टेबल पवन मीणा पर आरोप लगा है कि उसने अपने ही साथी पुलिसकर्मियों को करोड़ों के हाईवे प्रोजेक्ट्स और तगड़ी कमाई के सपने दिखाकर ठगा. पवन मीणा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर वो इन प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाएंगे तो उनकी कमाई चौगुनी हो जाएगी. वो कहता था, 'नौकरी की सैलरी से घर चलाना मुश्किल है, कुछ बड़ा करना पड़ेगा.

इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब कांस्टेबल दीपक वैष्णव ने 9 अप्रैल 2025 को क्लॉक टॉवर थाने में पवन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. दीपक ने बताया कि पवन उसका बैचमेट है और अक्सर थाने में मिलने आता था, जहां उसकी पहचान बाकी पुलिसकर्मियों से भी हो गई थी. धीरे-धीरे उसने सबको इन्वेस्टमेंट का लालच देना शुरू किया. दीपक ने आरोप लगाया कि पवन ने उससे ही एक करोड़ की ठगी की है इतना ही नहीं, आरोप है कि पवन ने अपने भाई कुलदीप मीणा, जो कि एक सरकारी स्कूल टीचर है, उसके साथ मिलकर इस पूरे ठगी के जाल को फैलाया. मामला दर्ज होने के बाद दोनों भाई फरार हो गए हैं. अजमेर की एसपी वंदिता राणा ने गंभीरता से इस मामले को लिया और पवन मीणा को सस्पेंड कर दिया.

जांच में सामने आया है कि पवन ने पुलिसकर्मियों को ठगने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए. किसी को हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट का लालच दिया, तो किसी को अनोखी दवा के बिजनेस में मोटा मुनाफा दिलाने का वादा किया. फिलहाल पुलिस दोनों भाइयों की तलाश में जुटी हुई है. मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

80 से ज्यादा निवेशकों ने रिजेक्ट किया फिर भी नहीं मानी हार, आज हैं 6,700 करोड़ की कंपनी का मालिक

·

 80 से ज्यादा निवेशकों ने रिजेक्ट किया फिर नहीं मानी हार, आज हैं 6,700 करोड़ की कंपनी के मालिक।

कंपनी का नाम हैं रैपिडो (Rapido)

Rapido bike taxi 🚕🚖



Founder of rapido : Pawan

रैपिडो के मालिक कंपनी के सह-संस्थापक हैं: अरविंद सांका, पवन गुंटुपल्ली और ऋषिकेश एसआर। उन्होंने 2015 में कंपनी की स्थापना की और रैपिडो भारत के शहरी गतिशीलता क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।

पवन की शुरुआत उन युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो बिजनेस की दुनिया में कुछ हासिल करना चाहते हैं। जिस तरह से पवन ने 80 रिजेक्शन का दर्द झेलने के बाद भी सफलता हासिल की।

 Rapido रैपिडो की सफलता की कहानी : यह पवन गुंटुपल्ली की कहानी है, पवन एक आईआईटी स्नातक हैं और जिन्होंने कई बार हार का सामना किया, लेकिन कभी उम्मीद नहीं खोई और खुद पर विश्वास किया और अपनी जिद पर अड़े रहे। पवन के पास एक बिजनेस आइडिया था, जिसे उन्होंने 80 से ज्यादा निवेशकों को सुनाया और उनसे अपने आइडिया पर भरोसा करके निवेश करने को कहा। लेकिन किसी ने भी हां नहीं कहा।

हालांकि, पवन ने कभी हार नहीं मानी और नतीजा यह हुआ कि आज वे बिजनेस की दुनिया में अहम शख्सियत हैं। उनकी कंपनी 'रैपिडो' की कीमत आज 6,700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। पवन का सफर उन युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है जो बिजनेस की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।


बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पसंद थी

पवन तेलंगाना के गुंटुपल्ली के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही ट्रेडिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पसंद थी। पवन पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्हें आईआईटी खड़गपुर में सीट मिल गई। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सैमसंग के साथ काम किया। पवन वहां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीम में थे। हालांकि, उन्हें हमेशा कुछ और करने की तीव्र इच्छा होती थी। उन्होंने अपने दोस्त अरविंद सांका के साथ मिलकर स्टार्टअप 'द करियर' शुरू किया। असफल हुए और फिर रैपिडो की शुरुआत कीदुर्भाग्य से, कैरियर का व्यवसाय विफल हो गया और दोनों को असफलता से जूझना पड़ा। फिर भी, पवन ने दृढ़ता दिखाई और अपनी असफलता का मूल कारण जानने की कोशिश की। पवन इस नतीजे पर पहुंचे कि कंपनी को लाभ कमाने के लिए, उन्हें खर्च कम करने और ग्राहकों से सीधे संवाद करने की आवश्यकता थी। फिर उन्हें बाइक टैक्सी का विचार आया और वर्ष 2014 में रैपिडो की स्थापना की गई। इस व्यवसाय को शुरू करना भी आसान नहीं था। क्योंकि 80 से अधिक निवेशकों ने निवेश करने से इनकार कर दिया था। लेकिन पवन ने फिर भी कंपनी बनाई। लेकिन यह भी आसान नहीं था, क्योंकि उनके सामने ओला और उबर जैसी कंपनियां थीं, जो पहले से ही बाजार में खुद को स्थापित कर चुकी थीं।


टर्निंग पॉइंट (Turning point)

बाइक टैक्सी सेवा का बेस किराया 15 रुपये रखने की रणनीति का इस्तेमाल करते हुए पवन ने 3 रुपये प्रति किलोमीटर का शुल्क लिया। हालाँकि रैपिडो को शुरुआत में ज़्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन गुंटुपलेम दृढ़ निश्चयी रहे और उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे। 2016 में रैपिडो को हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल से अपना पहला फंडिंग मिला। यह निवेश कंपनी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और इसने निवेशकों और ग्राहकों दोनों का भरोसा जीता।


रैपिडो ने 100 से ज़्यादा शहरों में अपनी सेवाओं का तेज़ी से विस्तार करते हुए और ज़्यादा फंडिंग जुटाई। कंपनी ने चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई, जहाँ कार-आधारित सेवाएँ कम सुलभ हैं।


रैपिडो का बाजार मूल्य

ट्रैक्सन के अनुसार, रैपिडो, 700,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं और 50,000 ड्राइवरों वाली कंपनी है, जिसका मूल्य 825 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,700 करोड़ रुपये) से अधिक है।



Dream 11 सही है या गलत? दर्जी ने जीते 3 करोड़ रुपए

Sunday, 13 April 2025 ·

झारखंड के एक छोटे से शहर के दर्जी मोहम्मद शाहिद की किस्मत ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया। आखिरी गेंद पर छक्का लगाने के बाद रातों-रात वह करोड़पति बन गए। चतरा जिले के रहने वाले शाहिद ने मशहूर फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 में 3 करोड़ रुपए की बड़ी रकम जीत ली।



 वास्तविकता में जीतना:  

1. हां, Dream 11 से पैसे जीतना संभव है, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं है। बहुत से लोग छोटे-छोटे इनाम जीतते हैं, जबकि कुछ ही लोग विशेष टूर्नामेंट जीतकर बड़े इनाम प्राप्त करते हैं।

2. Dream 11 में सफलता पाने के लिए खेल की अच्छी समझ, खिलाड़ियों की प्रदर्शन की जानकारी और सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता जरूरी है।

3.जुआ और कौशल फैंटसी स्पोर्ट्स को कुछ लोग जुआ मानते हैं, जबकि कुछ इसे कौशल पर आधारित मानते हैं। यह आपकी व्यक्तिगत राय पर निर्भर करता है।

4.निवेश और जोखिम जैसा कि अन्य निवेश क्षेत्रों में होता है, ड्रीम 11 में भी जोखिम है। आपको सोच-समझकर और ज्यादा पैसे न खोते हुए ही खेलना चाहिए।

5. ड्रीम 11 और अन्य फैंटसी स्पोर्ट्स प्लेटफ़ॉर्म्स से लाखों रुपये कमाने का वादा सच हो सकता है, लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं है। सफलता पाने के लिए आपको उचित ज्ञान, समझ और रणनीति की जरूरत होती है। अगर आप इसमें पैसा निवेश कर रहे हैं, तो संविदानिक रूप से और जागरूकता के साथ करें।


लोगों का क्या कहना हैं 

1. राजा जैदी लिखते हैं देखिये सच ये है कि Dream 11 सिर्फ एक तरह का जुआ खेलने का एप है। अब कोई इसको कितना भी अंग्रेज़ी में Fantasy स्पोर्ट बोले या कुछ भी अलग शब्द बोले रहेगा ये जुवा ही, और अगर आप एक समझदार इंसान हैं तो आपको ये पता होगा कि हमेशा जुवा खिलवाने वाला करोड़पति,अरबपति बनता है ना कि खेलने वाला। यही हाल ड्रीम 11 का है, कुछ साल पहले तक जिस ऐप को लोग जानते तक नहीं थे, आज वो ऐप के ब्रांड अम्बेसडर MS Dhoni हैं। सिर्फ चंद सालों में इस ऐप ने इतना पैसा कैसे कमा लिया है कि ये अपने प्रचार प्रसार पर इतना ज्यादा खर्च कर पा रहें हैं। इसका मुख्य कारण हैं वो लोग जिनको चंद घंटों या महीनों में अमीर बनने की इच्छा होती है, वो लोग अपना कीमती समय और पैसा इस ऐप पर लगाते हैं, और नतीजा क्या निकलता है? असफलता। क्यों? क्योकि वो लोग खुद को अमीर बनाने के जगह ऐप बनाने वाली कंपनी को अमीर बना रहे हैं। आप अपने रिश्तेदार, या किसी दोस्त से पूछियेगा कि उसने आजतक कितना कमाया dream 11 या दूसरे किसी fantasy sport ऐप से, इससे आपको इस जैसे तमाम fantasy sports apps की असलियत खुद पता चल जाएगी। सच्चाई यही है कि बहोत कम ही लोग ऐसे ऐप से पैसा कमा पाते हैं और जो कमाता भी है वो इतना नहीं कमा पता कि 12–13 लाख बन जाएं कुल मिला के। मेरे उत्तर को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।


2. भानुप्रताप चौधरी लिखते हैं ड्रीम11 से लाखों करोड़ो कमाए जा सकते है, ये बिलकुल सत्य है क्योंकी मेरे रिश्ते में ही एक लड़के को 1.5 करोड़ रुपया मिला है क्योंकि उसकी आइपीएल के दौरान एक मैच में पहली रैंक आई थी और एक बार एक छोटा सा प्राइज मुझे भी मिल चुका है।

 

Black Fortuner, VIP NUMBER : यह गाड़ियों का काफिला कोई CM या PM का नहीं, यह काफिला है 26 साल के युवा का

Thursday, 3 April 2025 ·
यह गाड़ियों का काफिला कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का नहीं है, ये हैं 26 साल के युवा नेता का, इस युवा को चाहने वाले पूरे भारतवर्ष में। ये भारत के किसी भी कोने में जाते हैं वहां इनको चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती हैं।


तस्वीर में जो काफिला दिख रहा है ये युवा महज 26 के साल के हैं इस युवा को चाहने वाले इतने हैं कि ये जहां भी जाते हैं वहां एक पलक के लिए भीड़ उमड़ पड़ती हैं।

ब्लैक फॉर्च्यूनर, VIP नम्बर, गाड़ी नम्बर RSB 9090 
RSB (R- रविन्द्र, S- सिंह, B- भाटी)






राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधायक(वर्तमान) डॉ. रविंद्र सिंह भाटी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा। दरअसल बीते दिनों रविन्द्र सिंह भाटी दौसा जा रहे थे अपने कार्यक्रम में । 


शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और उत्तर प्रदेश के पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने बुधवार को दौसा जिले के बसवा कस्बे में राणा सांगा स्मारक पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि किसी को भी महापुरुषों के खिलाफ ऐसी अमर्यादित बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। महापुरुषों का अपमान करने वालों को माफी मांगने के बाद भी लोग माफ नहीं करेंगे। ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए सर्वसमाज तैयार खड़ा है।
विधायक भाटी ने कहा कि राणा सांगा एक महापुरुष थे। अपनी राजनीति चमकाने के लिए महापुरुषों के खिलाफ ऐसी अमर्यादित बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए सर्वसमाज तैयार खड़ा है। देश के बड़े महापुरुष पर बयानबाजी करना और फिर इतना घमंड, ये कहीं ना कहीं उम्र का तकाजा है। इंसान वो है जो लचीला होता है और झुककर चलता है। जो गलती की है आपने, हमें तो नहीं लगता क‍ि माफी मांगने के बाद भी लोग माफ करेंगे। समय के साथ सब चीजें होंगी, देखते रहिए।





युवाओं को के लिए कर दी अच्छी बात

विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मैं तो युवा पीढ़ी से कहना चाहता हूं क‍ि ज्यादा से ज्यादा इतिहास पढ़ें। क्योंकि कई ताकतें इतिहास को खत्म करने में लगी हुई है। ये लोग वेस्टर्न कल्‍चर के समर्थक हैं। ऐसे लोग हमादे देश के रीति-रिवाज और संस्कृति को खत्म करना चाह रहे हैं। उनके मंसूबे कामयाब नही हों, इसल‍िए मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है।


वीरों का गौरवशाली इतिहास सहेजने का आह्वान

शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी का जयपुर से बसवा जाते वक्त दौसा सहित कई स्थानों पर समर्थकों ने स्वागत किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह भी रहे। इस दौरान विधायक भाटी ने आमजन से संवाद किया और वीरों के गौरवशाली इतिहास को सहेजने की अपील की। भंडाना स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के स्मारक स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। वहीं सिकंदरा स्थित वीर गुर्जर शहीद स्थल पर पहुंचकर भी नमन किया। सिकंदरा में मांगों को लेकर धरने पर बैठे एमबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से भी मुलाकात कर समस्याओं पर चर्चा की।


News Update

Powered by Blogger.

जापान की Mayumi बनी Rajasthani कलाकार Madhu – एक सच्ची कहानी

  प्रस्तावना जब किसी विदेशी व्यक्ति को भारत का लोक-संस्कृति इतना भा जाए कि वह अपनी पहचान ही बदल दे – तो यह अपने आप में एक प्रेरणादायक कहानी...

Contact Form

Name

Email *

Message *

Contact Form

Name

Email *

Message *

Search This Blog

Labels

Labels

Comments

{getWidget} $results={3} $label={comments}

Advertisement

Recent Posts

{getWidget} $results={4} $label={recent}

JSON Variables