Rana Sanga : कौन हैं राणा सांगा जो 80 घाव लगने के बाद भी लड़ रहा लड़ाई

Saturday, 29 March 2025 ·

 राणा रायमल के बेटे राणा सांगा, जो सूर्यवंशी राजपूत सिसोदिया वंश के सदस्य थे, 1509 में मेवाड़ के शासक बने। उन्होंने खानवा की लड़ाई में भाग लिया था।


राणा सांगा का बचपन 

 राणा सांगा का जन्म 12 अप्रैल 1482 को मेवाड़ के चित्तौड़ में हुआ था। इनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था। इनके पिता का नाम राणा रायमल था। बचपन से ही राणा सांगा और उनके दोनों बड़े भाई एक साथ रहे, शिक्षा ली। इनके 3 बड़े भाई और थे।



राणा सांगा का जीवन

राणा सांगा की पत्नी का नाम रानी कर्णावती था। उनके 4 पुत्र थे जिनके नाम रतन सिंह द्वितीय, उदय सिंह द्वितीय, भोज राज और विक्रमादित्य सिंह थे। Rana Sanga History in Hindi में ऐसा भी माना जाता है कि राणा सांगा की कुल मिलाकर 22 पत्नियाँ थी।


अपनो के लिए संघर्ष 

एक बार कुवंर पृथ्वीराज, जयमल और संग्राम सिंह ने अपनी-अपनी जन्म पत्रियां एक ज्योतिषी को दिखाई। उन्हें देखकर उसने कहा कि गृह तो पृथ्वीराज और जयमल के भी अच्छे हैं, लेकिन राजयोग संग्राम सिंह के पक्ष में होने के कारण मेवाड़ का स्वामी वही होगा। यह सुनते ही दोनों भाई संग्राम सिंह पर टूट पड़े। पृथ्वीराज ने हूल मारी जिससे संग्राम सिंह की एक आंख फूट गई थी। Rana Sanga History in Hindi में राणा सांगा ने आँख फूटने के बाद भी भाइयों से युद्ध किया था।


इस समय तो सारंगदेव (रायमल के चाचा) ने बीच-बचाव कर किसी तरह उन्हें शांत किया। सारंगदेव ने उन्हें समझाया कि ज्योतिषी के कहने पर विश्वास कर तुम्हें आपस में संघर्ष नहीं करना चाहिए। इस समय सांगा अपने भाइयों के डर से श्रीनगर (अजमेर) के क्रमचंद पंवार के पास अज्ञात वास बिता रहे थे। रायमल ने उसे बुलाकर अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।



मेवाड़ के राजा 

राणा सांगा अपने पिता महाराणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 में 27 वर्ष की आयु में मेवाड़ के शासक बने। मेवाड़ के महाराणा में वे सबसे अधिक प्रतापी योद्धा थे, इनके शासक रहते किसी की हिम्मत नहीं थी कि कोई आसानी से आक्रमण कर कब्ज़ा जमाले। Rana Sanga History in Hindi में राणा सांगा बहुत ही प्रतापी शासक और योद्धा थे।



गुजरात के सुल्तान के साथ संघर्ष

सांगा के समय गुजरात और मेवाड़ के बीच संघर्ष का तत्कालीक कारण इडर का प्रश्न था। ईडर के राव भाण के 2 पुत्र सूर्यमल और भीम थे। राव भाण की मृत्यु के बाद सूर्यमल गद्दी पर बैठा किंतु उसकी भी 18 माह के बाद मृत्यु हो गई थी। अब सूर्यमल के स्थान पर उसका बेटा रायमल ईडर की गद्दी पर बैठा। रायमल की अल्पआयु होने का लाभ उठाकर उसके चाचा भीम ने गद्दी पर अपना अधिकार कर लिया था। रायमल ने मेवाड़ में शरण ली जहां महाराणा सांगा ने अपनी पुत्री की सगाई उसके साथ कर दी थी। Rana Sanga History in Hindi में जानते हैं उनके आगे के सफ़र के बारे में।


ईडर पर अधिकार

1516 में रायमल ने महाराणा सांगा की सहायता से भीम के पुत्र भारमल को हटाकर ईडर पर पुन: अधिकार कर लिया था। भारमल को हराकर रायमल का ईडर का शासक बनाए जाने से गुजरात का सुल्तान मुजफ्फर बहुत गुस्सा हुआ था। क्योंकि भीम ने उसी की आज्ञानुसार ईडर पर अधिकार किया था। नाराज सुल्तान मुजफ्फर ने अहमदनगर में जागीरदार निजामुद्दीन को आदेश दिया कि वह रायमल को हराकर भारमल को पुनः इडर की गद्दी पर बैठा दे।


निजामुल्मुल्क द्वारा इडर पर घेरा डालने पर रायमल पहाड़ों में चला गए और पीछा करने पर निजामुल्मुल्क को हराया। इडर के आगे रायमल का अनाश्यक पीछा किया जाने से नाराज सुल्तान ने निजामुल्मुल्क को वापस बुला लिया था। इसके बाद सुल्तान द्वारा मुवारिजुल्मुल्क को इडर का हकीम नियुक्त किया गया। एक भाट के सामने एक दिन मुवारिजुल्मुल्क ने सांगा की तुलना एक कुत्ते से कर दी थी। यह जानकारी मिलने पर महाराणा सांगा वान्गड़ के राजा उदय सिंह के साथ ईडर जा पहुंचे। पर्याप्त सैनिक न होने के कारण मुवारिजुल्मुल्क ईडर छोड़कर अहमदनगर भाग गया।



अन्य स्थानों पर शासन 

सांगा ने इडर की गद्दी पर रायमल को बैठा दिया और एवं अहमदनगर, बड़नगर, विसलनगर आदि स्थानों को लूटता हुआ चित्तौड़ लौट आया था। महाराणा सांगा के आक्रमण से हुई बर्बादी का बदला लेने के लिए सुल्तान मुजफ्फर ने 1520 में मलिक अयाज तथा किवामुल्मुल्क की अध्यक्षता में दो अलग-अलग सेनाएं मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजी। मालवा का सुल्तान महमूद भी इस सेना के साथ आ मिला था किंतु मुस्लिम अफसरों में अनबन के कारण मलिक अयाज आगे नहीं बढ़ सका था और संधि कर उसे वापस लौटना पड़ा था।



दिल्ली सल्तनत के साथ संघर्ष

महाराणा सांगा ने सिकंदर लोदी के समय ही दिल्ली के अधीनस्थ इलाकों पर अधिकार करना शुरू कर दिया था। किंतु अपने राज्य की निर्बलता के कारण वह महाराणा सांगा के साथ संघर्ष के लिए तैयार नहीं हो सका। सिकंदर लोदी के उत्तराधिकारी इब्राहिम लोदी ने 1517 में मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया था। खातोली(कोटा) नामक स्थान पर दोनों पक्षों के बीच युद्ध हुआ जिसमें महाराणा सांगा की विजय हुई।

इस युद्ध में तलवार से सांगा का बायाँ हाथ कट गया था और घुटने पर तीर लगने से वह हमेशा के लिए लंगड़े हो गए थे। खातोली की पराजय का बदला लेने के लिए 1518 में इब्राहिम लोदी ने मियां माखन की अध्यक्षता में महाराणा सांगा के विरुद्ध एक बड़ी सेना भेजी।



राणा सांगा के मालवा के साथ संबंध

मेदिनीराय नामक एक हिंदू सामंत ने मालवा के अपदस्थ सुल्तान महमूद खिलजी द्वितीय को पुनः शासक बनाने में सफलता प्राप्त की थी। इस कारण सुल्तान महमूद ने उसे अपना प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। सुल्तान के मुस्लिम अमीरों को भी मेदिनीराय की बढ़ती हुई शक्ति से काफी ईर्ष्या थी और उन्होंने सुल्तान को उसके विरुद्ध बहलाने में सफलता प्राप्त कर ली थी मेदिनी राय महाराणा सांगा की शरण में मेवाड़ आ गया, जहां उसे गागरोन व चंदेरी की जागीरें दे दी गई। 

सन 1519 में सुल्तान महमूद मेदिनीराय पर आक्रमण के लिए रवाना हुआ था। इस बात की खबर लगते ही सांगा भी एक बड़ी सेना के साथ गागरोन पहुंच गए। यहां हुई लड़ाई में सुल्तान की बुरी तरह से पराजय हुई। सुल्तान का पुत्र आसफखाँ इस युद्ध में मारा गया तथा वह स्वयं घायल हुआ। महाराणा सांगा सुल्तान को अपने साथ चित्तौड़ ले गए, जहां सांगा ने उसे 3 माह कैद में रखा था।




बाबर के साथ तनाव

 युद्ध शुरू होने से पहले राणा सांगा के साथ हसन खां मेवाती, महमूद लोदी और अनेक राजपूत अपनी-अपनी सेना ले साथ हो गए। वह हौसले के साथ एक विशाल सेना के साथ बयाना और आगरा पर अधिकार करने के लिए बढ़े। बाबर से बयाना के शासक ने सहायता मांगी। बाबर ने ख्वाजा मेंहदी को भेजा पर राणा सांगा ने उसे शिकस्त देकर बयाना पर अधिकार कर लिया। सीकरी के पास भी मुग़ल सेना को करारी हार मिली। लगातार मिल रही हार से मुग़ल सैनिक में डर चूका था।

अपनी सेना का मनोबल गिरते देखकर बाबर ने बड़ी चतुराई मुसलामानों पर से तमगा (एक प्रकार का सीमा टैक्स) भी उठा लिया और अपनी सेना को कई तरह के लालच दिए, जिससे उसकी सेना में थोड़ी हिम्मत आई। उसने अपने-अपने सैनिकों से निष्ठापूर्वक युद्ध करने और प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने का हुकुम दिया। इससे उसकी सैनकों में युद्ध करने को तैयार हो गई।




खानवा का युद्ध

खानवा का युद्ध मार्च 1527 में राणा सांगा और मुग़ल बादशाह बाबर के बीच हुआ था। खानवा के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच जबरदस्त खूनी मुठभेड़ हुई। बाबर 2 लाख मुग़ल सैनिक थे, और ऐसा कहा जाता है कि राणा सांगा के पास भी बाबर जितनी सेना थी। राणा सांगा की सेना के पास वीरता का भंडार था और वे बिलकुल घमासानी से लड़े पर बाबर के पास गोला-बारूद का बड़ा जखीरा था। युद्ध में बाबर ने सांगा की सेना के लोदी सेनापति को लालच दिया तो, वो सांगा को धोखा देकर सेना सहित बाबर से जा मिला। लड़ते हुए राणा सांगा की एक आँख में तीर भी लगा था, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और युद्ध में डटे रहे। इस युद्ध में उन्हें कुल 80 घाव आए थे। उनकी लड़ाई में दिखी वीरता से बाबर के होश उड़ गए थे। ऐसा कहा जाता है सांगा का सर धड़ से अलग होते हुए भी उनका धड़ लड़ता रहा था. Rana Sanga History in Hindi में यह लड़ाई पूरे दिन चली थी।



युद्ध के परिणाम

बाबर की सेना यह युद्ध जीत गई थी. वह भले ही यह युद्ध जीती हो लेकिन सांगा की सेना ने उन्हें धुल चटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लोदी के गद्दारी करने की वजह से राणा सांगा की सेना शाम होते-होते लड़ाई हार गई थी, राणा सांगा को उनकी सेना युद्ध खत्म होने से पहले किसी सुरक्षित स्थान पर ले गई थी। Rana Sanga History in Hindi में इस युद्ध से बाबर को पूरे भारत में मुग़ल साम्राज्य स्थापित करने में मदद मिली थी और वह पहला मुग़ल सम्राट भी बना था।



राणा सांगा का मृत्यु 

युद्ध में सांगा बेहोश हो गए थे जहाँ उनकी सेना उन्हें किसी सुरक्षित जगह ले गई थी। वहां होश में आने के बाद उन्होंने बाबर को हराने और दिल्ली पर विजय प्राप्त करने तक चित्तौड़ नहीं लौटने की शपथ ली। जब सांगा बाबर के खिलाफ एक और युद्ध छेड़ने की तैयारी में थे, तो उन्हें अपने ही साथियों ने जहर दे दिया था, जो कि बाबर के साथ एक और लड़ाई नहीं चाहते थे। जनवरी 1528 में कालपी में उनकी मृत्यु हो गई। उनके देहांत के बाद अगला उत्तराधिकारी उनका पुत्र रतन सिंह द्वितीय हुआ था।

Agniveer bharti 2025 : अग्निवीर भर्ती 2025 10 अप्रैल तक करें आवेदन, ऑनलाइन आवेदन करें।

Tuesday, 18 March 2025 ·

 Indian आर्मी अग्निवीर भर्ती 2025 10 अप्रैल तक करें आवेदन, ऑनलाइन आवेदन करें।




अग्निवीर भर्ती अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। यह पहल न केवल पारदर्शी है, बल्कि उम्मीदवारों के लिए एक सरल और सुरक्षित मंच भी प्रदान करती है। अगर आप भी अग्नीवीर भर्ती में जाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है।


आवेदन की अंतिम तारीख 

अग्निवीर भर्ती के लिए पोर्टल 12 मार्च 2025 से खुल चुका है। इच्छुक अभ्यर्थी 10 अप्रैल 2025 तक अपनी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह सूचना सेना भर्ती कार्यालय (एआरओ) अमेठी के कर्नल S.K. मोर द्वारा दी गई है।


आवेदन के लिए भारतीय सेना की ऑफिशियल वेबसाइट पे जाना होगा : www.joinindianarmy.nic.in

Army Agniveer Bharti 2025 Online Form: अग्निवीर भर्ती के तहत भारतीय सेना में जाने के लिए इच्छुक और पात्र उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर जाकर अप्लाई करें। लास्ट डेट 10 अप्रैल है। अग्निवीर भर्ती 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया 12 मार्च से शुरू हो गई है।


आवश्यक दस्तावेज़

1, आधार कार्ड (और उससे लिंक मोबाइल नंबर)

2, दसवीं उत्तीर्ण की मार्कशीट

3, उच्चतम शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र

4, मूल निवास प्रमाण पत्र

5, जाति प्रमाण पत्र

6, फोटोग्राफ (5 से 20 KB)

7, हस्ताक्षर (5 से 10 KB)

8, वर्तमान और सक्रिय ईमेल आईडी


₹250 शुल्क का भुगतान करना होगा

भर्ती के पद और प्रक्रिया की पारदर्शिता


 अग्निवीर भर्ती के निम्नलिखित पद

1, सैनिक तकनीकी नर्सिंग सहायक

2, अग्निवीर सामान्य ड्यूटी

3, अग्निवीर क्लर्क/स्टोर कीपर

4, अग्निवीर तकनीकी

5, अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास)

6, अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास)





Note : Below is Keywords 

Agniverr bharti 2025

Indian army 

अग्निवीर भर्ती 

भारतीय सेना 

इंडियन आर्मी

अग्निवीर की भर्ती 2025 में कब आएगी?

इंडियन आर्मी का फॉर्म कैसे भरे?

अग्निवीर भर्ती कितने साल की होती है?

आर्मी की वेबसाइट कौन सी है?

आर्मी हाइट कितनी होनी चाहिए obc?

Agniveer Bharti 2025 Online Form D

ate

agniveer army bharti 2025 pdf download


Miss cheese cake : जोधपुर में पूजा व राठौड़ केक खिलाकर कर रहे करोड़ो का बिजनेस, पूजा बोली 3 साल बाद करूंगी शादी।

Saturday, 15 March 2025 ·

Miss cheese cake : जोधपुर जैसा शहर और 300sft की छोटी सी दुकान में करोड़ो का धंधा 

Cake shop Jodhpur

मिस चीज केक के मालिक पूजा मालानी वह नरपत सिंह राठौड़ ने शार्क टैंक में अपनी कहानी बताई। शार्क टैंक (shark tank) के माध्यम से पूजा व राठौड़ ने बताया अपने start-up की सफलता की कहानी।

पूजा ने बताया कि घरवालों ने मुझे बोला कि अब आपकी शादी करनी है और उन्होंने शादी.कॉम (Shadi.com) में प्रोफ़ाइल बना दी जब मैने देखी वो प्रोफ़ाइल तो मुझे बहुत बुरा लगा ।

फिर मैने मेरी दोस्त की दुकान में कुछ समय तक काम किया। एक दिन मुझे राठौड़ साहब मिले और धीरे–धीरे वो मेरे दोस्त बन गए 

एक दिन राठौड़ साहब ने मुझसे पूछा कि तुम एक दुकान क्यू नहीं खोल लेती तो मैने बोला में अकेली ये सब नहीं कर सकती। राठौड़ बोले में तेरी मदद करूंगा

 शार्क टैंक में आए  राठौड़ और पूजा ने बताया कि साल भर पहले जयपुर के एक केक स्टोर में हमने चीज केक खाया था और हमें वह चीज केक कुछ खास नहीं लगा फिर हम जोधपुर आए और देखा तो जोधपुर में कोई चीज केक के बारे में जानता ही नहीं है । 

 हमने प्लान किया चीज केक बनाने का और चीज केक का स्टोर खोलने का तो हमारे पास इतना पैसा नहीं था इसलिए हमने सोशल मीडिया का सहारा लिया और एक शॉप ढूंढना चालू किया ।

हम दोनों ने मिलकर एक शॉप फाइनल की ओर साथ साथ सोशल मीडिया पर भी काम किया 

जिस दिन हमारी शॉप का उदघाटन था उस दिन हमारे इंस्टाग्राम पर एक लाख फॉलोवर भी हो हुए और एक रील 60 मिलियन पहुंच गई ।


अब चीज केक लोगो को बहुत पसंद आने लगा 

देखते देखते हमने एक और शॉप खोल दी जो काफी बड़ी है और आज हमारा बिजनेस करोड़ो में पहुंच गया और अब हम बहुत ही जल्द हर एक सीटी में स्टोर खोलने वाले हैं । 

Miss cheese cake अब एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हैं 

Miss cheese cake shop Jodhpur shop address : 1st B Rd, opposite suncart bakery tools, Sardarpura, Jodhpur, Rajasthan 342003

Instagram I'd : https://www.instagram.com/__misscheesecake?igsh=encwb3ZkYmhubXlq 




INDIA WIN, भारत 12 साल बाद फिर बना चैंपियंस ट्रॉफी का बादशाह, इंडियन क्रिकेट टीम की जीत

Sunday, 9 March 2025 ·
India vs New Zealand Final LIVE Updates





ICC चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर भारत तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का जीतने में कामयाब रहा है. इसके साथ ही भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे सफल टीम बन गई है. वहीं यह रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया का बीते एक साल में बहुत कुछ जीता है. 

न्यूजीलैंड से मिले 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को रोहित शर्मा और शुभमन गिल की जोड़ी ने मजबूत शुरुआत दिलाई. दोनों ने पहले विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी की. हालांकि, इसके बाद भारत को तीन झटके लगे. लेकिन फिर अक्षर पटेल और श्रेयस अय्यर ने आकर चौथे विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी की. रवींद्र जडेजा ने भारत के लिए जीत के रन बनाए.

ICC चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल जीत के हीरो रहे रोहित शर्मा । 


 Indian cricket team
रोहित शर्मा (कप्तान),
 शुभमन गिल
विराट कोहली
 श्रेयस अय्यर
 अक्षर पटेल
 केएल राहुल (विकेटकीपर)
 हार्दिक पंड्या
 रवींद्र जड़ेजा
 मोहम्मद शमी
 कुलदीप यादव
 वरुण चक्रवर्ती 


Newzealand cricket team 
विल यंग
 रचिन रवींद्र
केन विलियमसन
 डेरिल मिशेल
 टॉम लैथम (विकेटकीपर)
 ग्लेन फिलिप्स
 माइकल ब्रेसवेल
 मिशेल सेंटनर (कप्तान)
 काइल जैमीसन
 विलियम ओ'रूर्के
 नाथन स्मिथ


मैच के बाद एक शानदार पल में, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली और रोहित शर्मा ने दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम को अपने 'डांडिया' स्टेप्स से जगमगा दिया।

2025 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड पर भारत की रोमांचक चार विकेट की जीत के बाद, दो भारतीय आइकन ने शानदार अंदाज में जश्न मनाया - मैच स्टंप को अपनी स्टिक की तरह इस्तेमाल करते हुए एक अचानक डांडिया नृत्य किया।

कोहली और रोहित ने मुस्कुराते हुए अपने स्टंप घुमाए, जो जीवंत गुजराती लोक नृत्य की तरह था, जिससे टीम के साथी और प्रशंसक दोनों ही काफी खुश हुए।

यह मजेदार जश्न न केवल एक बड़ी ट्रॉफी जीत का प्रतीक था, बल्कि एक ऐतिहासिक रात के अंत में एक हार्दिक सौहार्द का भी प्रतीक था।

 कोहली ने अपने दूसरे चैंपियंस ट्रॉफी खिताब के बाद कहा, "यह शानदार रहा, हम ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरे के बाद वापसी करना चाहते थे और एक बड़ा टूर्नामेंट जीतना चाहते थे, इसलिए चैंपियंस ट्रॉफी जीतना शानदार है। ड्रेसिंग रूम में इतनी प्रतिभा है, वे अपने खेल को और आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम उनकी मदद (वरिष्ठों की भूमिका) करके खुश हैं, अपना अनुभव साझा कर रहे हैं और यही बात इस भारतीय टीम को इतना मजबूत बनाती है।" "यह बहुत अच्छा है। हमने पूरे टूर्नामेंट में बहुत अच्छी क्रिकेट खेली, बाहर आकर अपने तरीके से परिणाम प्राप्त करना एक शानदार एहसास है, हमने इस खेल को जिस तरह से खेला उससे बहुत खुश हूं। यह मेरे लिए स्वाभाविक नहीं है, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो मैं वास्तव में करना चाहता था, जब आप कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे होते हैं तो आपको टीम के समर्थन की आवश्यकता होती है और वे मेरे साथ थे, 2023 विश्व कप में राहुल भाई और अब गौती भाई के साथ," कप्तान रोहित, जिन्हें मैन ऑफ द मैच से भी सम्मानित किया गया, ने मैच के बाद की प्रस्तुति में कहा। इससे पहले, भारत ने 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में 83 गेंदों पर 76 रनों की पारी की बदौलत मैच में अपनी स्थिति मजबूत की।

केएल राहुल दबाव में शांत रहे और 34 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने भारत को 49 ओवर में 254/6 का स्कोर बनाने में मदद की और तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता।

इससे पहले न्यूजीलैंड ने डेरिल मिशेल (63) और माइकल ब्रेसवेल (53) के अर्धशतकों की मदद से 251/7 का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाया था।

तेज शुरुआत के बावजूद, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की अगुआई में भारत के स्पिनरों ने सूखी और टर्निंग पिच पर ब्लैक कैप्स को पीछे खींच लिया।

पूरे मारवाड़ में अब तक का सबसे बड़ा मायरा भरा, 6 प्लॉट, 80बीघा जमीन और 13करोड़ रूपये,

Thursday, 6 March 2025 ·

 राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी के शेखासनी गाँव में एक शादी में 13 करोड़ 71लाख रुपए व 6 प्लॉट, 80 बीघा जमीन मायरे में देने की बात सामने आई है। जो कि पूरे राजस्थान में अब तक की सबसे बड़ा मायरा माना जा रहा हैं मायरे में नकद के साथ साथ जमीन के कागद व सोना चांदी भी शामिल हैं यह मायरा रामलाल फड़ौदा की बेटी संतोष के यहां उसके पिता व भाई के द्वारा भरा गया।

मायरा



हाइलाइट्स नागौर मायरा। नागौर: राजस्थान के नागौर जिले में दो अलग-अलग मामलों में बहनों को करोड़ों का मायरा दिया गया है। सेखासनी गांव में एक भाई ने अपनी बहन को 13 करोड़ 71 लाख रुपये का मायरा दिया, जो राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा मायरा बताया जा रहा है।

मेड़ता सिटी क्षेत्र में एक ऐसा मायरा भरा गया जिसने राजस्थान में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिता और उसके भाई ने मिलकर अपनी बेटी के लिए 13 करोड़ 71 लाख रुपए का मायरा किया। जिसमें नकद, जमीन और सोना-चांदी, ट्रैक्टर शामिल है। मारवाड़ में मायरा की परंपरा सदियों पुरानी है और पिता और भाई अपनी बहन और बेटी के बच्चों की शादी में पारंपरिक तरीके से मायरा करते आए हैं, मेड़ता सिटी के शेखासनी गांव में किया गया यह मायरा संभवत: राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा मायरा है। यह मायरा मेड़ता सिटी के बेड़ावाड़ी के रहने वाले रामलाल और तुलछाराम फरड़ोदा ने किया। रामलाल फरड़ोदा की बेटी संतोष की शादी मेड़ता सिटी के शेखासनी गांव के राजूराम बेड़ा से हुई है। वहीं, संतोष के दो बेटों की भी आज शादी है। ऐसे में अपनी पोतियों की शादी के अवसर पर नाना रामलाल फरड़ोदा और उनके भाई तुलछाराम अपने गांव बेडावाड़ी से शेखासनी गांव में मायरा लेकर आए और 13 करोड़ 71 लाख रुपए का रिकॉर्ड तोड़ मायरा भरा। 




मायरा में सोने-चांदी से बेटी को लाद दिया. इसमें 1 करोड़ 31 लाख नकद, 6 प्लॉट जिनकी कीमत करीब सवा पांच करोड़ रुपये हैे. वहीं, 80 बीघा खेती की जमीन, जिसकी कीमत पांच करोड़ है. एक किलो 60 ग्राम सोने के आभूषण, 5 किलो चांदी, एक एसयूवी गाड़ी, एक ट्रैक्टर, 15 लाख के कपड़े मायरे में दिए हैं.

दो भाइयों के बीच सिर्फ एक संतान: दरअसल, बेड़ावाड़ी गांव के रामलाल और तुलछाराम फरड़ोदा दो भाई हैं और उनकी एक ही संतान संतोष है। संतोष रामलाल फरड़ोदा की एक ही बेटी है और तुलछाराम की कोई संतान नहीं है। संतोष की शादी शेखासनी निवासी राजूराम बेड़ा से हुई है। बुधवार को संतोष और राजूराम बेड़ा के दो बेटे, जो एमबीबीएस और इंजीनियरिंग के छात्र हैं, की शादी हो रही है। दोनों भाइयों के बीच सिर्फ एक बेटी संतोष होने के कारण रामलाल और तुलछाराम ने दहेज देकर पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।

       मायरा 

10.25 करोड़ रुपए की 80 बीघा जमीन और 6 प्लॉट।

1 करोड़ 31 लाख रुपए नकद।

1 करोड़ 51 लाख रुपए के सवा किलो सोना।

15 लाख के कपड़े।

11 लाख के चांदी के जेवरात।

13 लाख की एक लक्जरी कार।

7 लाख का ट्रैक्टर  ट्रॉली।




News Update

Powered by Blogger.

जापान की Mayumi बनी Rajasthani कलाकार Madhu – एक सच्ची कहानी

  प्रस्तावना जब किसी विदेशी व्यक्ति को भारत का लोक-संस्कृति इतना भा जाए कि वह अपनी पहचान ही बदल दे – तो यह अपने आप में एक प्रेरणादायक कहानी...

Contact Form

Name

Email *

Message *

Contact Form

Name

Email *

Message *

Search This Blog

Labels

Labels

Comments

{getWidget} $results={3} $label={comments}

Advertisement

Recent Posts

{getWidget} $results={4} $label={recent}

JSON Variables