ISRO: भारत की अंतरिक्ष यात्रा की गौरवगाथा

السبت، 31 مايو 2025 ·

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की तकनीकी प्रगति, वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। एक समय था जब भारत के पास न तो आधुनिक टेक्नोलॉजी थी और न ही संसाधन, लेकिन आज ISRO विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष संगठनों में गिना जाता है।


ISRO की शुरुआत और उद्देश्य
ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 को की गई थी। इसके पीछे प्रमुख प्रेरणा थे डॉ. विक्रम साराभाई, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। उन्होंने यह सपना देखा था कि भारत अपने संसाधनों से अंतरिक्ष में उपग्रह भेजेगा, जिससे संचार, मौसम, कृषि, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाई जा सके।
“अगर हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं, तो हमें यह दिखाना होगा कि इसका अंतिम उद्देश्य आम आदमी की भलाई है।”


प्रारंभिक संघर्ष और पहली सफलता
शुरुआत में संसाधनों की भारी कमी थी। रोकेट के हिस्से साइकिल और बैलगाड़ी पर ढोए जाते थे। लेकिन इस समर्पण ने रंग लाया — 1975 में भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट सोवियत संघ की मदद से लॉन्च किया गया।
इसके बाद 1980 में SLV-3 के जरिए पहला स्वदेशी सैटेलाइट रोहिणी लॉन्च हुआ। इससे भारत की स्वावलंबन यात्रा ने रफ्तार पकड़ी।


महत्वपूर्ण मिशन और रिकॉर्ड
ISRO ने समय के साथ कई ऐसे मिशन पूरे किए जो पूरी दुनिया में सराहे गए:
1. चंद्रयान-1 (2008)
भारत का पहला मून मिशन जिसने चंद्रमा पर पानी की खोज कर अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय को चौंका दिया।

2. मंगलयान (2013)
भारत का पहला मार्स मिशन। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बना जो अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुँचा और वह भी बेहद कम लागत में (लगभग ₹450 करोड़)।

3. PSLV-C37 (2017)
ISRO ने एक ही रॉकेट से 104 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

4. चंद्रयान-2 (2019)
भले ही लैंडर विक्रम की लैंडिंग सफल नहीं रही, लेकिन ऑर्बिटर आज भी चंद्रमा की कक्षा में काम कर रहा है।


ISRO के 2025 में नए मिशन
2025 में ISRO कई महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी मिशनों पर काम कर रहा है:
गगनयान
यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। इसका उद्देश्य है भारत को “ह्यूमन स्पेसफ्लाइट क्लब” में शामिल करना।

Aditya L-1
भारत का पहला सौर मिशन जो सूर्य की किरणों, तापमान और गतिविधियों का अध्ययन करेगा। यह मिशन भविष्य के जलवायु परिवर्तन और सौर तूफानों की भविष्यवाणी में मदद करेगा।

चंद्रयान-3
चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करना इस मिशन का लक्ष्य है। यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।


ISRO और आत्मनिर्भर भारत
ISRO का हर मिशन भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बना रहा है। उपग्रह से लेकर लॉन्च व्हीकल तक, सब कुछ अब भारत में तैयार किया जा रहा है। ISRO का योगदान टेलीविजन, इंटरनेट, रक्षा, शिक्षा और मौसम विज्ञान जैसे कई क्षेत्रों में है।

भारत अब दूसरे देशों के उपग्रह भी लॉन्च कर रहा है और लाखों डॉलर की कमाई कर रहा है। इससे भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान और आर्थिक लाभ दोनों मिल रहा है।

वैज्ञानिकों का योगदान और महिलाओं की भूमिका
ISRO की सफलता के पीछे उसके वैज्ञानिकों का अथक परिश्रम है। उल्लेखनीय बात यह है कि ISRO में महिलाओं की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण रही है। जैसे:

चंद्रयान और मंगलयान की प्रमुख वैज्ञानिक टीमें महिलाओं के नेतृत्व में थीं।

रितु करिधाल, नंदिनी हरिनाथ जैसी वैज्ञानिकों ने भारत की छवि को वैश्विक मंच पर मजबूत किया।


भविष्य की योजनाएँ
Reusable Launch Vehicle (RLV): कम लागत में उपग्रह भेजने की तकनीक पर काम चल रहा है।

ISRO+Private Sector: अब प्राइवेट स्टार्टअप्स को भी ISRO के साथ मिलकर काम करने का मौका मिल रहा है।


निष्कर्ष
ISRO भारत का गौरव है। यह न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक है बल्कि एक प्रेरणा भी है कि सीमित संसाधनों में भी अगर इच्छाशक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आने वाले समय में ISRO भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में अगला सुपरपावर बना सकता है।

📌 लेखक: Mahi Rathore


जोधपुर का इतिहास: एक शाही शहर की विरासत और गौरवपूर्ण अतीत

الجمعة، 30 مايو 2025 ·

जोधपुर का इतिहास: एक समृद्ध विरासत की कहानी
राजस्थान की मरुभूमि में बसा जोधपुर न केवल अपनी नीली गलियों और ऐतिहासिक किलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति और परंपराएं इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शहरों में स्थान दिलाती हैं। आइए जानते हैं जोधपुर के इतिहास से जुड़ी वह बातें जो इसे अद्वितीय बनाती हैं।



🔸 जोधपुर की स्थापना कैसे हुई?
जोधपुर की स्थापना सन् 1459 में राव जोधा ने की थी, जो राठौड़ वंश के एक शक्तिशाली शासक थे। राव जोधा ने मंडोर से राजधानी को हटाकर एक नए शहर की नींव रखी, जिसे बाद में जोधपुर नाम मिला। यह नगर "मरवाड़" राज्य की राजधानी बना और समय के साथ राजनीतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बन गया।

🔸 राठौड़ वंश की भूमिका
राठौड़ वंश को जोधपुर के इतिहास में एक खास स्थान प्राप्त है। वे खुद को रामायण के पात्र राजा राम के वंशज मानते थे। इनकी शासन प्रणाली काफी संगठित थी और उन्होंने युद्ध, किले निर्माण और कला के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया। विशेष रूप से मेहरानगढ़ किला, जो आज भी जोधपुर का प्रमुख आकर्षण है, राव जोधा द्वारा बनवाया गया था।

🔸 मेहरानगढ़ किले का ऐतिहासिक महत्व
मेहरानगढ़ किला जोधपुर के इतिहास की एक जीवित मिसाल है। यह किला लगभग 400 फीट ऊँची चट्टान पर स्थित है और पूरे शहर को निगरानी में रखता है। किले के भीतर कई महल हैं जैसे:

फूल महल
शीश महल
मोती महल
इन महलों में उस समय की राजसी जीवनशैली, आभूषण, शस्त्र और भित्तिचित्रों को देखा जा सकता है।

🔸 मुगलों और ब्रिटिश काल में जोधपुर
मुगल काल में जोधपुर ने कभी संघर्ष किया तो कभी मैत्री भी की। अकबर के समय राठौड़ वंश के कई शासकों ने मुगलों के साथ रिश्तेदारी भी की।
ब्रिटिश काल में जोधपुर एक रियासत बन गया था, लेकिन यहां के शासकों को कुछ हद तक स्वतंत्रता भी मिली हुई थी।
सन् 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद जोधपुर ने भारत में विलय किया और राजस्थान राज्य का हिस्सा बना।



🔸 नीली नगरी क्यों कहलाता है जोधपुर?
जोधपुर को “ब्लू सिटी” या “नीली नगरी” भी कहा जाता है क्योंकि यहां पुराने शहर की अधिकांश इमारतें नीले रंग की हैं। ऐसा माना जाता है कि यह रंग:
सूर्य की रोशनी को कम आकर्षित करता है (गर्मी से बचाता है)
ब्राह्मणों द्वारा अपनाया गया धार्मिक रंग भी है
और यह दीमकों से रक्षा भी करता है

🔸 जोधपुर का व्यापारिक इतिहास CLICK HERE
इतिहास में जोधपुर एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी रहा है। यहाँ से कपड़े, मसाले, ऊँट और ऊँट-गाड़ियाँ मध्य एशिया और फारस तक भेजी जाती थीं। आज भी यह क्षेत्र कढ़ाई, बंदhej (बांधनी), और लकड़ी की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।

जोधपुर का इतिहास केवल युद्धों और किलों का ही नहीं, बल्कि कला, संगीत, लोकनृत्य और त्योहारों का भी है। यहाँ के प्रमुख उत्सव हैं:
मारवाड़ उत्सव
नागौर मेला
गणगौर
तेजा दशमी
इन पर्वों में राजस्थानी लोक संगीत, घेर घूमर, और मटकी नृत्य जैसे रंगारंग कार्यक्रम होते हैं।

🔸 आधुनिक जोधपुर
आज जोधपुर न केवल राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, बल्कि एक आधुनिक शहर के रूप में भी उभर रहा है। यहाँ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और इंडस्ट्रीज़ भी विकसित हो चुकी हैं।

🔚 निष्कर्ष
जोधपुर एक ऐसा शहर है, जहाँ हर पत्थर कोई कहानी कहता है। राव जोधा की विरासत, मेहरानगढ़ की दीवारें, नीली गलियाँ और सांस्कृतिक पर्व — सब मिलकर जोधपुर को एक जीवित इतिहास का रूप देते हैं। यदि आपने अभी तक इस शहर की यात्रा नहीं की है, तो एक बार इस ऐतिहासिक नगरी का अनुभव जरूर लें।





 

Banglore में एक शख्स ने अंबानी के पंडित से कराई अपने प्राइवेट जेट की पूजा

الخميس، 29 مايو 2025 ·

 (वीडियो) प्राइवेट जेट पूजन: अंबानी के परिवार के पंडित ने किया पूजन, पहचान ने सभी को चौंका दिया




एक पंडित द्वारा पूजा करने का वीडियो वायरल हो गया है और बहुत से सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की अचंभा को पकड़ लिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस प्रकार का जेट और पूजा की गई, यह स्पष्ट करता है कि यह एक लग्जरी प्राइवेट जेट था। लोग पंडित की पहचान के साथ-साथ उस जेट पर चर्चा कर रहे हैं जिसका पूजन किया गया।


यह निश्चित रूप से एक रहस्य था जब तक यह नहीं खुलासा हुआ कि परिवार का पूजन करने वाला पंडित भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक है, जिसे भारतीयों द्वारा पूजित किए जाने की संभावना है। इस समारोह के बाद पूरी पूजा टीम के केवल एक अनुष्ठान का आयोजन किया गया, जबकि पूरी टीम ने इसे रिवाज के तौर पर परिवर्तित कर लिया। पूजा की टीम अपने लोगों के साथ आती है, जो उसके साथ हैं।


तो, आपको क्या लगता है कि किसके पास प्राइवेट जेट है जो प्राइमंडी पुजारी के साथ पूजा स्थापित करने के लिए परवाह करता है? अप्पू शर्मा उस जेट के मालिक हैं, जितु के विरवानी जो प्रोपेल के रूप में गैर-गुणजनीय चेयरमैन माना जाता है, वश्प्री भट्ट एम्बेसी ग्रुप के साथ संक्रियता में हैं।


जेट के मालिक ने पंडितजी के साथ सेल्फी ली और उस वीडियो को खास बना दिया। यह दिखाता है कि किया गया कार्य धार्मिक रीति नहीं बल्कि गहरा लगाव और आस्था के साथ मौलिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए सुसंगत रूप से निभाया गया।


AI video वीडियो का यूट्यूब दे रहा हैं लाख रुपए हर महीने, जानिए क्या करना होगा?

الأحد، 25 مايو 2025 ·

इस तरह के वीडियो हो रहे वायरलhttps://youtube.com/shorts/kDphnT3ovWg?si=MwpwU3VqUfTJO_PJ



लोग कैसे पैसे कमा रहे हैं जब एआइ से यूट्यूब मॉडल्स बन रहे हैं?

आजकल सोशल मीडिया की दुनिया में एक नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है – AI Instagram Models। ये ऐसे वर्चुअल इंसान हैं जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से डिज़ाइन किया जाता है। असली इंसान की तरह दिखने वाले ये मॉडल्स न सिर्फ लाखों फॉलोअर्स बटोर रहे हैं, बल्कि उनके ज़रिए क्रिएटर्स चाँद सा पैसा भी कमा रहे हैं। चलिए, जानते हैं कि आखिर ये ट्रेंड कैसे काम करता है और इससे कमाई के रास्ते क्या हैं।


AI इंस्टाग्राम मॉडल्स क्‍या हैं?

AI इंस्टाग्राम मॉडल्स ऐसी कंप्यूटर जनित मॉडल्स हैं जिनके वीडियो और तस्वीरें पूरी तरह से जनरेटेड होती हैं। इन्हें Midjourney, DALL·E जैसे AI इमेज जनरेटर टूल्स इस्तेमाल करके बनाया जाता है। इसके बाद एकशॉट फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेर के तहत यथार्थ डिजाइन परिष्कृत (--refined) किया जाता है।

क्रिएटर्स किस प्रकार पैसो की कमाई करते हैं?


स्पोंसर्ड पोस्ट्स और ब्रांड प्रमोशन्स:

जैसे रियल इन्फ्लुएंसर्स अपने अकाउंट में ब्रांड्स के स्पॉन्सर्ड पोस्ट डालते हैं, वैसे ही AI मॉडल्स भी फैशन, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और अन्य ब्रांड्स के लिए प्रमोशन करते हैं। इनके लिए वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स उन्हें हायर करते हैं और इसके बदले में अच्छी अमाउंट دیتے हैं।


इंस्टाग्राम मोनेटाइजेशन:

AI मॉडल्स के इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर फॉलोअर्स बढ़ते हैं, उनके मोनेटाइजेशन से भी इनकम मिलती है, कंटेंट से एड रेवेन्यू और ब्रांड पार्टनरशिप के जरिए।


प्रीमियम कंटेंट सेलिंग:

कई क्रिएटर्स उन वर्चुअल मॉडल्स की एक्सक्लूसिव तस्वीरें या इसे वार्डरॉब के अंदर डाल देना, या स्कूल या यूनिवर्सिटी रोशन करने की कोशिश करते हैं।


AI मॉडल सर्विसेस:

कुछ लोग AI मॉडल्स बनाने की सर्विस बेचते हैं। Fiverr और Upwork पर ये स्किल्स बेचना कुछ आसान है।


इनकी पॉपुलैरिटी बढ़ क्यूं रही है?

AI मॉडल्स का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इन्हें किसी भी रूप, रंग, अंग और स्टाइल में डिजाइन किया जा सकता है, और वो बिना किसी समस्याओं के। उन पर अगर कोई मैनेजमेंट यानी पुराने प्रॉब्लम्स नहीं है तो वो ब्रांड्स के लिए आकर्षित होते हैं।

PM : पीएम मोदी ने बीकानेर में 26,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन: राजस्थान को मिली नई उड़ान

الجمعة، 23 مايو 2025 ·

 पीएम मोदी करेंगे बीकानेर में 26,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन: राजस्थान को मिलेगी नई उड़ान



बीकानेर, राजस्थान – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राजस्थान के विकास को नई दिशा देने जा रहे हैं। इस बार बीकानेर को केंद्र में रखते हुए पीएम मोदी 26,000 करोड़ रुपये की मेगा विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं। यह अवसर न केवल बीकानेर बल्कि पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए ऐतिहासिक साबित होने वाला है।


इस विशेष मौके पर बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी, जिससे दोनों शहरों के बीच यातायात सुगम और तेज़ हो जाएगा। इसके साथ ही सात बड़ी सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया जाएगा, जो राजस्थान की कनेक्टिविटी को और सशक्त बनाएंगी।


विकास की नई इबारत


प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया जाएगा, उनमें राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे नेटवर्क, और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कें प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं से राजस्थान में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।


बीकानेर से लेकर जालोर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर जैसे जिलों को जोड़ने वाली सड़कें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलित विकास सुनिश्चित करेंगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी।


स्वामी बालमुकुन्दाचार्य महाराज की सराहनीय पहल


इस विकास कार्यक्रम में श्री स्वामी बालमुकुन्दाचार्य महाराज का भी विशेष योगदान है, जो न केवल एक आध्यात्मिक गुरु हैं बल्कि ख्यातिप्राप्त विधायक भी हैं। उन्होंने हमेशा अपने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है। वे अखिल भारतीय संत समिति राजस्थान के अध्यक्ष भी हैं और सामाजिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही क्षेत्रों में सक्रिय हैं।


निष्कर्ष


बीकानेर के लिए यह दिन एक सुनहरे भविष्य की ओर पहला कदम होगा। पीएम मोदी द्वारा की जा रही यह पहल राजस्थान को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में और अधिक मजबूती प्रदान करेगी। बीकानेर की धरती एक बार फिर विकास की नई गाथा लिखने के लिए तैयार है



UCO Bank Fraud Case: 6210 करोड़ के घोटाले में पूर्व चेयरमैन सुबोध कुमार गोयल गिरफ्तार

الأربعاء، 21 مايو 2025 ·

 भारत में बैंकिंग घोटालों की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है।



 इस बार घोटाले की ज़द में आया है सरकारी बैंक UCO Bank। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुबोध कुमार गोयल को 6210.72 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 16 मई 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिल्ली में उनके आवास से की गई।


क्या है UCO Bank घोटाला?

यह मामला एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी का है, जिसमें कंकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) नामक कंपनी को गलत तरीके से लोन देने का आरोप है। गोयल पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बैंकिंग नियमों को दरकिनार करते हुए इस कंपनी को भारी-भरकम क्रेडिट सुविधाएं दीं। इसके बदले में उन्हें रिश्वत के रूप में कैश, लग्ज़री आइटम्स, महंगी प्रॉपर्टी और होटल बुकिंग्स दी गईं।


कैसे हुआ घोटाला?

ED की जांच में सामने आया कि गोयल और अन्य आरोपियों ने शेल कंपनियों के जरिए फंड को डायवर्ट किया और उसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। ये पैसा बैंक को लौटाया नहीं गया, जिससे UCO Bank को भारी नुकसान हुआ।


ED की कार्रवाई

जांच एजेंसी को छापेमारी में कई ऐसे दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं, जो इस अवैध लेन-देन की पुष्टि करते हैं। ईडी का कहना है कि यह घोटाला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई और बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है।


नतीजा और असर

इस बड़े घोटाले से एक बार फिर भारत में सरकारी बैंकों की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता के विश्वास को गहरा धक्का लगा है। इस केस की जांच जारी है और ED आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां कर सकती है।


UCO Bank Fraud Case – मुख्य तथ्य:

आरोपी:

सुबोध कुमार गोयल, UCO Bank के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर।


आरोप:

210.72 करोड़ रुपये के लोन में गड़बड़ी और हेराफेरी का मामला।

मनी लॉन्ड्रिंग, रिश्वतखोरी, बैंकिंग नियमों की अनदेखी, और फंड डायवर्जन (धन का गलत उपयोग)।


गिरफ्तारी:

16 मई 2025 को दिल्ली स्थित उनके आवास से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा।


कंपनी का नाम:

कंकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) – जिसे अनुचित तरीके से क्रेडिट सुविधाएं दी गईं।


रिश्वत के रूप:

नकद, महंगी प्रॉपर्टी, लग्ज़री आइटम्स, होटल बुकिंग जैसी सुविधाएं।

यह सब शेल कंपनियों (Shell Companies) के ज़रिए अंजाम दिया गया।


जांच और सबूत:

ईडी को जांच में कई अहम दस्तावेज़ और अवैध लेन-देन से जुड़े सबूत मिले हैं।



Instagram का बड़ा ऐलान: नए यूज़र्स जोड़ने पर क्रिएटर्स को मिलेंगे 16 लाख रुपये तक का इनाम

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 इंस्टाग्राम का बड़ा ऐलान: नए यूज़र्स जोड़ने पर क्रिएटर्स को मिलेंगे 16 लाख रुपये तक का इनाम


सोशल मीडिया की दुनिया में हलचल मचाने वाला नया अपडेट सामने आया है। इंस्टाग्राम ने अपने प्लेटफॉर्म पर क्रिएटर्स के लिए एक बेहतरीन ऑफर की घोषणा की है। अब इंस्टाग्राम पर नए यूज़र्स जोड़ने पर क्रिएटर्स को मोटा इनाम मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टाग्राम अपने इस नए रिवॉर्ड प्रोग्राम के तहत क्रिएटर्स को 20,000 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) तक की राशि दे सकता है।

क्या है यह नया इंस्टाग्राम रिवॉर्ड प्रोग्राम?

इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी Meta ने एक नया टूल लॉन्च किया है जिसे "Refer-a-Creator" टूल कहा जा रहा है। इस टूल की मदद से क्रिएटर्स अपने नेटवर्क या ऑडियंस को इंस्टाग्राम से जोड़ सकते हैं। जब वे नए यूज़र्स को प्लेटफॉर्म से जोड़ते हैं, तो इसके बदले उन्हें इनाम के तौर पर पैसे दिए जाएंगे।

फिलहाल अमेरिका में शुरू, जल्द ही अन्य देशों में लॉन्च संभव

यह स्कीम फिलहाल अमेरिका में शुरू की गई है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसे अन्य देशों में भी लागू किया जा सकता है। यह कदम न सिर्फ क्रिएटर्स को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि इंस्टाग्राम को भी नए यूज़र्स तक पहुँचने में मदद करेगा।

क्रिएटर्स के लिए शानदार मौका

सोशल मीडिया पर इनकम के नए रास्ते तलाश रहे क्रिएटर्स के लिए यह एक सुनहरा मौका है। अगर आप भी एक कंटेंट क्रिएटर हैं, तो यह स्कीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसके लिए इंस्टाग्राम पर एक्टिव होना और अपने नेटवर्क के माध्यम से नए यूज़र्स को जोड़ना ज़रूरी है।



Meta और इंस्टाग्राम का यह नया कदम क्रिएटर्स को एक नई दिशा देगा और सोशल मीडिया इकोसिस्टम को और भी मजबूत बनाएगा। यदि यह स्कीम भारत समेत अन्य देशों में भी लागू होती है, तो लाखों क्रिएटर्स को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है।


 

ऑपरेशन सिंदूर की हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी: जानिए सैलरी, भत्ते और जीवन से जुड़ी अहम बातें

الأحد، 11 مايو 2025 ·

 


नई दिल्ली। 6 अप्रैल की रात भारत ने एक साहसी कदम उठाते हुए पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" का हिस्सा था, जिसमें एक नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा — कर्नल सोफिया कुरैशी। वह इस ऑपरेशन की प्रमुख सैन्य अधिकारी रही हैं और उनके नेतृत्व में यह मिशन सफलता तक पहुंचा।


कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म वर्ष 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और उसके बाद वर्ष 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई से सैन्य प्रशिक्षण लेकर सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की।

उनका सैन्य करियर कई अभियानों और राहत कार्यों से भरा रहा है, जिनमें उत्तर-पूर्व भारत की बाढ़ राहत में भी उनकी अहम भूमिका रही।


बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कल रात को पाकिस्तान के आतंकवादी की नींद हराम हो गई। पड़ोसी देश में मौजूद कल 9 आतंकी गुटों पर हवाई हमला किया गया। ये हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया। इस ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की अहम भूमिका रही है।

कल रात से ऑपरेशन सिंदूर ऐसा नाम बन गया है, जो सुर्खियों में चल रहा है। चलिए जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को कितनी सैलरी मिलती है।

सोफिया कुरैशी को कितनी मिलती है सैलरी?

कर्नल सोफिया कुरैशी ने साल 1999 में ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) से ट्रेनिंग लेने के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुई थी। उन्होंने इससे पहले उत्तर-पूर्व भारत के बाढ़ राहत पर भी अहम भूमिका निभाई है।

अगर उनकी सैलरी की बात करें तो उनकी बेसिक सैलरी ही ₹1,21,200 - ₹2,12,400 के बीच है। इसके अलावा भी भारत सरकार की ओर से उन्हें कई तरह के भत्ते और बेनिफिट दिए जाते हैं।

क्या-क्या मिलता है भत्ता?

बेसिक पे के अलावा कर्नल सोफिया कुरैशी को महंगाई भत्ता भी दिया जाता है, जो चल रही महंगाई पर निर्भर करता है।

इसके अलावा उन्हें मिलिट्री सर्विस पे के तौर पर हर महीने 15,500 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि Brigadier रैंक के नीचे सभी अधिकारियों को मिलती है।

वहीं सभी आर्मी वालों को घर के लिए एचआरए दिया जाता है। इसके अलावा आर्मी पर्सन कितने रिस्क वाले एरिया में काम कर रहा है, इसके आधार पर Field Area Allowance दिया जाता है। ये आमतौर पर 10,500 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक होते हैं।

इसके अलावा 3600 रुपये से 7200 रुपये तक ट्रांसपोर्ट अलाउंस या भत्ता दिया जाता है। ये लोकेशन पर निर्भर करता है। वहीं अगर कोई स्पेशन फोर्स यूनिट में काम करता है, तो उसे 25,000 रुपये तक दिए जाते हैं।

सभी आर्मी वालों को हर साल uniform Allowance के तहत 20 हजार रुपये दिए जाते हैं।

कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?

सोफिया का जन्म साल 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ। वे मूल रूप से यहीं की रहने वाली है। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर साल 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से ट्रेनिंग ली। जिसके बाद उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में काम करना शुरू किया।



ऑपरेशन सिंदूर की हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी: जानिए सैलरी, भत्ते और जीवन से जुड़ी अहम बातें



ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

"ऑपरेशन सिंदूर" एक हाई-प्रोफाइल मिलिट्री मिशन है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर सक्रिय 9 आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। इस ऑपरेशन में कर्नल सोफिया की रणनीतिक योजना और नेतृत्व निर्णायक रहा।


कर्नल सोफिया कुरैशी की सैलरी कितनी है?

भारतीय सेना में कर्नल रैंक वाले अधिकारियों की सैलरी काफी प्रतिष्ठित होती है।

कर्नल सोफिया कुरैशी की बेसिक सैलरी करीब ₹1,21,200 से ₹2,12,400 तक होती है। इसके अतिरिक्त उन्हें कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं।


उन्हें मिलने वाले प्रमुख भत्ते:

मिलिट्री सर्विस पे (MSP): ₹15,500 प्रति माह

महंगाई भत्ता (DA): वर्तमान महंगाई दर पर आधारित

House रेंट अलाउंस (HRA): पोस्टिंग स्थान के अनुसार

फील्ड एरिया अलाउंस: ₹10,500 से ₹25,000 तक

ट्रांसपोर्ट अलाउंस: ₹3,600 से ₹7,200 तक

स्पेशल फोर्स अलाउंस (यदि लागू): ₹25,000 तक

यूनिफॉर्म अलाउंस: सालाना ₹20,000


इन सुविधाओं से यह साफ है कि न केवल सैलरी बल्कि अतिरिक्त भत्तों के साथ एक आर्मी अधिकारी को आर्थिक रूप से भी मजबूत सपोर्ट मिलता है।


कर्नल सोफिया कुरैशी आज भारत की उन वीर महिलाओं में शामिल हैं, जो ना सिर्फ सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों में उनकी भूमिका यह साबित करती है कि भारत की बेटियाँ हर मोर्चे पर देश का नाम रोशन कर रही हैं।



ऑपरेशन सिंदूर

कर्नल सोफिया कुरैशी

भारतीय सेना महिला अधिकारी

इंडियन आर्मी सैलरी

पाकिस्तान एयर स्ट्राइक 2025

महिला सेना अधिकारी भत्ते

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नागौर में 21.11 करोड़ का मायरा: पोटलिया परिवार ने भांजे की शादी में रचा इतिहास, 100+ गाड़ियों का काफिला

الثلاثاء، 6 مايو 2025 ·

नागौर में हुई शादी में पोटलिया परिवार ने 21.11 करोड़ रुपए का मायरा भरकर सबको चौंका दिया। जानिए इस भव्य आयोजन की पूरी कहानी और मायरे की ऐतिहासिक परंपरा।




नागौर में भांजे की शादी में मामा पक्ष ने भरा 21.11 करोड़ का मायरा
राजस्थान के नागौर जिले में एक ऐतिहासिक और भव्य शादी समारोह देखने को मिला, जब झाड़ेली गांव के पोटलिया परिवार ने अपने एडवोकेट भांजे की शादी में 21 करोड़ 11 लाख रुपए का मायरा भरकर सभी को चौंका दिया।


100 गाड़ियों में पहुंचा मामा पक्ष, स्वागत में बैंड-बाजे और आतिथ्य
पोटलिया परिवार के करीब 600-700 सदस्य 100 गाड़ियों और 4 बसों में सवार होकर नागौर पहुंचे। बहन के ससुराल में गाजे-बाजे और राजस्थानी परंपरा के अनुसार जोरदार स्वागत किया गया। ग्रामीणों के अनुसार, यह अब तक का नागौर जिले में सबसे बड़ा मायरा माना जा रहा है।

मायरे में क्या-क्या दिया गया?
पोटलिया परिवार ने मायरे में दिए:

₹1.51 करोड़ नकद – 4 सूटकेसों में

1 किलो सोने और 15 किलो चांदी के गहने

210 बीघा कृषि भूमि

एक पेट्रोल पंप

अजमेर में एक रिहायशी प्लॉट

इस मायरे में नाना, मामा, भांजे और परिवार के अन्य सदस्य शामिल रहे।

कौन-कौन रहे मौजूद?
मायरा भरने वाले प्रमुख नामों में शामिल थे:

एडवोकेट भंवरलाल पोटलिया (पूर्व उपप्रधान)

एडवोकेट हनुमान पोटलिया

कर्नल रामचंद्र पोटलिया

एसबीआई बैंक मैनेजर चैनेंद्र पोटलिया

ठेकेदार सुरेश पोटलिया

डॉ. कर्ण पोटलिया व वंश पोटलिया

राजनीतिक हस्तियों में भाजपा नेता डॉ. सतीश पूनिया और पूर्व महामंत्री जगवीर छाबा भी मौजूद रहे।

मायरा परंपरा क्या है?
राजस्थान में मायरा या भात एक पारंपरिक रस्म है, जिसमें ननिहाल पक्ष बहन के बच्चों की शादी में उपहार, गहने, नकद और संपत्ति देते हैं। यह प्रेम, सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक मानी जाती है।

मायरे की पौराणिक कथा: नरसी भगत और भगवान श्रीकृष्ण
मायरे की शुरुआत नरसी भगत की कथा से जुड़ी मानी जाती है, जहां आर्थिक तंगी में भी नरसी अपनी बेटी की शादी में मायरा भरने निकलते हैं और श्रीकृष्ण स्वयं आकर उनका मान रखते हैं। यह परंपरा आज भी कई घरों में श्रद्धा और गौरव से निभाई जाती है।

निष्कर्ष:
नागौर का यह भव्य मायरा न केवल एक पारिवारिक आयोजन था, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक बन गया है। पोटलिया परिवार ने इस आयोजन से यह सिद्ध किया कि आज भी रिश्तों में परंपरा, सम्मान और अपनत्व की अहमियत है।


ब्लैक टॉयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर: भारतीय सड़कों पर शान और ताकत का प्रतीक

الاثنين، 5 مايو 2025 ·


टॉयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर (Toyota Fortuner Legender) भारत में उन SUV प्रेमियों के लिए एक ड्रीम कार बन चुकी है, जो ताकत, लक्जरी और प्रीमियम लुक्स का परफेक्ट कॉम्बिनेशन चाहते हैं। खासतौर पर इसकी ब्लैक कलर वेरिएंट ने मार्केट में एक अलग ही क्रेज बना रखा है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे क्यों ब्लैक टॉयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर इतनी पॉपुलर हो रही है, इसके फीचर्स, परफॉर्मेंस, कीमत और क्यों ये SUV हर ऑटोमोबाइल लवर की फर्स्ट चॉइस बनती जा रही है।


1. दमदार डिजाइन और रोड प्रजेंस

ब्लैक टॉयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर का पहला आकर्षण इसका बोल्ड और एग्रेसिव डिजाइन है। यह SUV जब सड़क पर चलती है तो हर नज़र बस इसी पर टिक जाती है। इसकी स्लीक एलईडी हेडलैंप्स, स्पोर्टी फ्रंट ग्रिल, शार्प बॉडी लाइन्स और ड्यूल टोन अलॉय व्हील्स इसे एक मस्क्युलर अपील देते हैं। ब्लैक कलर में इसकी प्रेजेंस और भी दमदार नजर आती है, जो इसे भीड़ से अलग करता है।


2. लग्जरी और टेक्नोलॉजी का मेल

फॉर्च्यूनर लेजेंडर न सिर्फ दिखने में शानदार है, बल्कि इसके इंटीरियर्स भी उतने ही लग्जरी फील देते हैं। इसमें मिलने वाली सुविधाओं में शामिल हैं:


8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम (Android Auto और Apple CarPlay सपोर्ट के साथ)


JBL प्रीमियम साउंड सिस्टम

डुअल-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल

वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स

एम्बिएंट लाइटिंग और प्रीमियम लेदर सीट्स

इन सभी फीचर्स के साथ फॉर्च्यूनर लेजेंडर एक आलिशान ड्राइविंग एक्सपीरियंस देती है।


3. परफॉर्मेंस जो हर टेरेन को चैलेंज करे

ब्लैक फॉर्च्यूनर लेजेंडर में 2.8 लीटर का डीजल इंजन मिलता है, जो 204 PS की पावर और 500 Nm तक का टॉर्क जनरेट करता है। यह इंजन 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आता है, जो स्मूद और रिस्पॉन्सिव है। चाहे आप शहर की ट्रैफिक में हों या किसी ऑफ-रोड ट्रैक पर, यह SUV हर जगह खुद को साबित करती है।


इसके अलावा इसका हाई ग्राउंड क्लीयरेंस और 4X4 ड्राइव ऑप्शन इसे एक रियल SUV बनाते हैं।


4. सेफ्टी में भी नंबर वन

टॉयोटा सेफ्टी के मामले में कोई समझौता नहीं करता। फॉर्च्यूनर लेजेंडर में मिलती हैं:


7 एयरबैग्स

व्हीकल स्टेबिलिटी कंट्रोल (VSC)

हिल असिस्ट कंट्रोल (HAC)

ABS और EBD

रिवर्स कैमरा और पार्किंग सेंसर्स

इन सभी फीचर्स के साथ यह SUV न सिर्फ पावरफुल बल्कि सेफ भी बनती है।


5. ब्लैक वेरिएंट की डिमांड क्यों है ज़्यादा?

ब्लैक फॉर्च्यूनर लेजेंडर की डिमांड बाकी कलर वेरिएंट्स की तुलना में अधिक है। इसके कई कारण हैं:

प्रीमियम लुक: ब्लैक कलर में फॉर्च्यूनर ज्यादा प्रीमियम और क्लासी दिखती है।

ईज़ी टू मेंटेन: डस्ट और स्क्रैचेस कम नजर आते हैं।

यूनिक आइडेंटिटी: इस कलर में गाड़ी की रोड प्रजेंस जबरदस्त होती है, जो इसे बाकी गाड़ियों से अलग करती है।


6. कीमत और वैल्यू फॉर मनी

भारत में Toyota Fortuner Legender की एक्स-शोरूम कीमत लगभग ₹43.66 लाख से शुरू होती है। हालांकि कीमत थोड़ी ज्यादा लग सकती है, लेकिन जो फीचर्स, बिल्ड क्वालिटी और ब्रांड वैल्यू मिलती है, वो इसे एक वैल्यू फॉर मनी SUV बनाती है।


7. कौन खरीदे फॉर्च्यूनर लेजेंडर?

यदि आप एक ऐसी SUV चाहते हैं जो: दिखने में रॉयल हो

हर टेरेन पर आसानी से चले

लग्जरी और टेक्नोलॉजी से भरपूर हो

और सबसे महत्वपूर्ण – एक दमदार स्टेटस सिंबल हो

तो ब्लैक टॉयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर आपके लिए परफेक्ट चॉइस है।



JNVU जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय का इतिहास जोधपुर – राजस्थान की टॉप यूनिवर्सिटी

الأحد، 4 مايو 2025 ·

 जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर – शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र



जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNVU), जोधपुर का इतिहास
राजस्थान की धरती पर शिक्षा का उजाला फैलाने वाले प्रमुख संस्थानों में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (Jai Narain Vyas University, JNVU), जोधपुर एक महत्वपूर्ण नाम है। यह विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके ऐतिहासिक महत्व ने भी इसे एक विशिष्ट पहचान दी है।


स्थापना और प्रारंभिक चरण
JNVU की स्थापना वर्ष 1962 में की गई थी। इससे पहले यह "University of Jodhpur" के नाम से जाना जाता था। इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित जय नारायण व्यास के सम्मान में रखा गया। विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य पश्चिमी राजस्थान के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना था, ताकि वे अपने जीवन में बेहतर अवसर पा सकें और समाज को शिक्षित बना सकें।


शैक्षणिक विकास और विस्तार
स्थापना के बाद विश्वविद्यालय ने धीरे-धीरे अपनी शिक्षण क्षमता को विस्तृत किया। आज JNVU में विज्ञान, कला, वाणिज्य, विधि, प्रबंधन, इंजीनियरिंग, और सामाजिक विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में उच्चस्तरीय शिक्षा दी जाती है। यहाँ स्नातक, परास्नातक, एम.फिल और पीएच.डी. स्तर तक की पढ़ाई होती है।


विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई प्रतिष्ठित कॉलेज भी आते हैं जैसे:
MBM Engineering College – जो राजस्थान का एक प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज है।

K.N. College for Women
Jaswant College
S.M.K. College
Lachoo Memorial College of Science & Technology (संबद्ध)


अनुसंधान और नवाचार 
JNVU न केवल शिक्षा बल्कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी अग्रणी है। जल प्रबंधन, मरुस्थलीय विकास, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्रों में विश्वविद्यालय ने कई उल्लेखनीय शोध कार्य किए हैं। थार रेगिस्तान जैसे अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में जीवन की चुनौतियों को समझने के लिए यह एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरा है।


सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान
JNVU का छात्रों और शिक्षकों का समाज में एक खास स्थान है। यहाँ के छात्रों ने शिक्षा, खेल, संस्कृति, राजनीति, प्रशासन और समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। विश्वविद्यालय समय-समय पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, सेमिनारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है, जिससे छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता मिलती है।


भौगोलिक स्थिति और परिसर
JNVU जोधपुर के हृदय स्थल में स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे न केवल पश्चिमी राजस्थान के लिए बल्कि पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों के लिए भी एक शैक्षणिक केंद्र बनाती है। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर "नई सड़क" और "रतनाड़ा" क्षेत्र में फैला हुआ है, जो आधुनिक और पारंपरिक संरचनाओं का एक सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।


डिजिटल परिवर्तन और नई पहल
JNVU ने डिजिटल युग को अपनाते हुए कई नई पहलें की हैं। ई-लर्निंग, ऑनलाइन एडमिशन, डिजिटल लाइब्रेरी और वर्चुअल क्लासरूम जैसे तकनीकी उपायों से छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय नैक (NAAC) मूल्यांकन और गुणवत्ता उन्नयन पर भी लगातार कार्यरत है।



पूरे मारवाड़ का एकमात्र अनाथ बच्चों के शिक्षा का मंदिर: हज़ारों घरों का उजाला

السبت، 3 مايو 2025 ·

 शिक्षा का मंदिर: हज़ारों घरों का उजाला



उदयपुर, राजस्थान – शिक्षा समाज की रीढ़ होती है, और जब यह शिक्षा एक मिशन बन जाए, तो उसका प्रभाव अनगिनत जीवनों पर पड़ता है। @om_banna_shikshan_sansthan_73 द्वारा साझा किया गया यह वीडियो इसी संदेश को प्रसारित करता है।

आपने ओम बन्ना टाइगर फ़ोर्स भारत का नाम सुना कभी?

*आपने ओम बन्ना टाइगर फ़ोर्स भारत द्वारा कन्यादान मायरे देखे होंगे*

730 दिनों का संघर्ष 1 लाख किलोमीटर की यात्रा 🚩🙏🏻 

वास्तव में जीवन बहुत गहरा होता है इसको जीयो जी भरके अपने लिए नहीं एक कदम उनके लिए जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है 🙏🏻🚩

वीडियो लिंक https://www.instagram.com/reel/DI1e00-MLQw/?igsh=Y3lmM2RieWVjeTNs

    *11 मिनट का समय है तो ये विडियो देखिए और इंसानियत व मानवता के नाते शेयर करना ना भूले*

      

     लेकिन एक शिक्षा मंदिर बनकर तैयार हुआ है श्री ओम बन्ना अनाथ हॉस्टल मंडलनाथ जोधपुर

ओम बन्ना अनाथ हॉस्टल जोधपुर का वीडियो


वीडियो का सार

वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक शिक्षण संस्थान ने समाज के विभिन्न वर्गों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करके उनके जीवन में उजाला फैलाया है। यह संस्थान न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी संचार करता है।


सामाजिक प्रभाव

इस पहल से हज़ारों परिवारों को लाभ हुआ है, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखा है। यह वीडियो उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाना चाहते हैं।




5 पैसे में बिकने वाली भुजिया से 80 देशों तक का सफर: जानिए हल्दीराम(बीकानेरी भुजिया)की स्टोरी

الجمعة، 2 مايو 2025 ·

 बीकानेर की एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ हल्दीराम का सफर आज 80 से ज्यादा देशों तक फैल चुका है। जानिए 8वीं पास बिशनजी अग्रवाल कैसे बना देश का नमकीन किंग।





भुजिया से बनी पहचान: हल्दीराम की प्रेरणादायक कहानी

आज अगर किसी से पूछा जाए कि भारत का सबसे पॉपुलर स्नैक्स ब्रांड कौन सा है, तो अधिकतर लोग एक ही नाम लेंगे—हल्दीराम। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी यह भुजिया सिर्फ 5 पैसे प्रति किलो में बिकती थी?


शुरुआत बीकानेर की एक दुकान से

हल्दीराम की कहानी शुरू होती है राजस्थान के बीकानेर से, जहां मारवाड़ी व्यापारी भीखाराम अग्रवाल ने एक छोटी सी भुजिया की दुकान खोली थी। उनके पोते गंगा बिशनजी अग्रवाल, जिन्हें लोग प्यार से हल्दीराम कहते थे, ने इस दुकान में काम करना शुरू किया।


8वीं पास हल्दीराम ने रच दिया इतिहास

महज 8वीं कक्षा तक पढ़े हल्दीराम के पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन उनके पास थी शानदार सोच और विज़न। उन्होंने पारंपरिक भुजिया में नए फ्लेवर और स्टाइल जोड़ने की ठानी। कई प्रयोगों के बाद उन्होंने मोठ के आटे से ऐसी भुजिया बनाई जो सबको पसंद आई।


डूंगर सेव’ बना ब्रांड

1937 में हल्दीराम ने अपनी कंपनी शुरू की और भुजिया का नाम रखा ‘डूंगर सेव’, जो बीकानेर के महाराजा डूंगर सिंह से प्रेरित था। सामान्य रेट 2 पैसे प्रति किलो था, लेकिन हल्दीराम ने इसे 5 पैसे रखा, जिससे ग्राहकों को यह एक प्रीमियम प्रोडक्ट लगा। यहीं से ब्रांड बनना शुरू हुआ।


कोलकाता से मिली नई उड़ान

1941 तक हल्दीराम का नाम बीकानेर से बाहर फैल चुका था। उन्होंने अपने बेटों के साथ मिलकर कोलकाता में ब्रांच खोली। यहीं से कंपनी का विस्तार तेज़ी से हुआ। हालांकि बाद में पारिवारिक कारणों से बीकानेर और कोलकाता यूनिट अलग हो गईं।


410 से ज्यादा प्रोडक्ट्स, 80+ देशों में कारोबार

आज हल्दीराम सिर्फ भुजिया तक सीमित नहीं है। कंपनी के पास 410 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं जिनमें मिठाइयां, नमकीन, स्नैक्स और रेस्टोरेंट्स शामिल हैं।

1993 में हल्दीराम ने अमेरिका में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने शुरू किए।

आज यह ब्रांड 80 से ज्यादा देशों में मौजूद है।

भारत के स्नैक्स मार्केट में 38% से ज्यादा हिस्सेदारी है।

देशभर में 400+ स्टोर्स हैं।


निष्कर्ष:

हल्दीराम की यह कहानी बताती है कि अगर सोच अलग हो और मेहनत लगातार की जाए, तो एक छोटी सी दुकान भी एक इंटरनेशनल ब्रांड बन सकती है। यह कहानी हर युवा उद्यमी के लिए एक प्रेरणा है।


नई स्पोर्ट्स कार ने मचाया तहलका – दमदार लुक और परफॉर्मेंस का पावरफुल कॉम्बिनेशन

·

 भारत की सड़कों पर जल्द दौड़ेगी ये पावरफुल बीस्ट - जानिए क्या है खास 




ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक बार फिर से हलचल मच गई है। एक नई स्पोर्ट्स कार, जो न केवल अपने लाजवाब लुक से बल्कि जबरदस्त परफॉर्मेंस से भी सबका ध्यान खींच रही है, मार्केट में दस्तक देने को तैयार है। वायरल हो रही इस कार की तस्वीरों ने ऑटो लवर्स के बीच सनसनी फैला दी है।


डिजाइन – फ्यूचरिस्टिक लुक और एयरोडायनामिक बॉडी

इस कार का डिज़ाइन साफ तौर पर प्रीमियम स्पोर्ट्स सेगमेंट से इंस्पायर्ड है। फ्रंट ग्रिल का अग्रेसिव लुक, एलईडी हेडलैम्प्स की शार्प डिजाइन और हुड पर वेंट्स इसे एक एग्रेसिव अपील देते हैं। कार का पीला मैटेलिक कलर इसे एक अलग पहचान देता है, जो दूर से ही ध्यान खींचता है।

Hexagonal ग्रिल डिजाइन

एरो वेंट्स के साथ वाइड बोनट

डुअल टोन रूफ और मस्क्यूलर व्हील आर्च


इंजन और परफॉर्मेंस – रेसिंग ट्रैक से सड़कों तक

इस कार में एक हाई-परफॉर्मेंस टर्बोचार्ज्ड इंजन देखने को मिल सकता है, जो लगभग 500+ हॉर्सपावर जनरेट करता है। साथ ही इसमें AWD (All Wheel Drive) सिस्टम शामिल हो सकता है, जो स्पीड के साथ कंट्रोल भी देता है।

0-100 km/h सिर्फ 3.5 सेकंड में

स्पोर्ट्स और इको मोड दोनों मौजूद

अडवांस ट्रैक्शन कंट्रोल और ब्रेकिंग सिस्टम


इंटीरियर – लग्ज़री और टेक्नोलॉजी का मेल

कार के अंदर एक प्रीमियम अनुभव मिलता है, जिसमें लेदर सीट्स, एंबियंट लाइटिंग और एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर शामिल है। इसका इंफोटेनमेंट सिस्टम एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले सपोर्ट करता है।

12-इंच का फुल डिजिटल डिस्प्ले

बोसे साउंड सिस्टम

वायरलेस चार्जिंग और हेड्स-अप डिस्प्ले




सेफ्टी फीचर्स – ड्राइवर और पैसेंजर्स दोनों के लिए सुरक्षा

कार में अडवांस सेफ्टी फीचर्स देखने को मिलते हैं जैसे कि:

ADAS (Advanced Driver Assistance Systems)

360 डिग्री कैमरा

लेन असिस्ट, ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग

6 एयरबैग्स और रेन सेंसिंग वाइपर्स


कीमत और लॉन्च डेट – कब आएगी भारत में?

हालांकि कंपनी ने ऑफिशियल लॉन्च डेट की पुष्टि नहीं की है, लेकिन ऑटो एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कार 2025 के अंत तक भारतीय मार्केट में दस्तक दे सकती है। इसकी संभावित कीमत ₹80 लाख से ₹1 करोड़ के बीच हो सकती है।


क्यों बन सकती है यह कार भारत की अगली सुपरस्टार?

युवाओं को लुभाने वाला स्पोर्टी लुक

टेक्नोलॉजी से भरपूर इंटीरियर

बेहतर सेफ्टी और परफॉर्मेंस कॉम्बिनेशन

लक्ज़री और स्पीड के शौकीनों के लिए परफेक्ट ऑप्शन





निष्कर्ष – एक सपना, जो हकीकत बनने जा रहा है

अगर आप एक ऐसी कार की तलाश में हैं जो न केवल पावरफुल हो बल्कि सड़क पर सबका ध्यान खींचे, तो यह अपकमिंग स्पोर्ट्स कार आपके लिए बनी है। इसके लुक्स, परफॉर्मेंस और टेक्नोलॉजी का कॉम्बिनेशन इसे भारत के लग्जरी ऑटो मार्केट में एक नया मुकाम दिला सकता है।



सबसे अमीर भिखारी: 460 करोड़ की नकदी, 8 फ्लैट, और 18,000 भिखारियों का नेटवर्क!

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 सबसे अमीर भिखारी: 460 करोड़ की नकदी, 8 फ्लैट, और 18,000 भिखारियों का नेटवर्क!



मुंबई से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें एक भिखारी को देश का "सबसे अमीर भिखारी" बताया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इस व्यक्ति का नाम भरत जैन है, जो भिखारी होने के बावजूद 8 फ्लैटों और 460 करोड़ रुपये की नकदी का मालिक है। दावा किया जा रहा है कि उसने भीख मांगने के इस धंधे को एक व्यवस्थित कारोबार का रूप दे दिया है।


खास बात यह है कि भरत जैन ने आईआईएम कोलकाता से पढ़ाई की है और "रैंक होल्डर" रह चुका है। वह शराबियों के लिए आश्रय, भोजन और ग्राहकों के लिए तीन बार भोजन जैसी सुविधाएं देता है। बताया जाता है कि वह सभी दान पर 20% का हिस्सा लेता है। उसके नेटवर्क में करीब 18,000 भिखारी काम करते हैं।


इनके पास मुंबई में 8 किराए के मकान, 2 निजी बंगले, 4 पेंटहाउस और एक होटल है। आयकर विभाग ने जब जांच की तो पाया कि वह 22 करोड़ रुपये का एक बंगला खरीदते समय पकड़ा गया था। इतना ही नहीं, उसके घरों पर छापे के दौरान 460 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की गई।


अब सवाल उठता है कि क्या वास्तव में भीख मांगने को एक इंडस्ट्री का रूप दिया जा सकता है? रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भरत जैन ने मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी अपना नेटवर्क फैला रखा है, जिससे यह धंधा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच चुका है।


हालाँकि, इस खबर की पुष्टि किसी आधिकारिक स्रोत से नहीं हुई है और इसे वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के रूप में देखा जा रहा है।


Yamaha YZF-R1: भारत में लॉन्च हुई यह सुपरबाइक, जानिए इसकी कीमत, फीचर्स और परफॉर्मेंस

الخميس، 1 مايو 2025 ·

 Slug: yamaha-yzf-r1-india-launch-specs-price


Meta Description: Yamaha YZF-R1 भारत में एक प्रीमियम सुपरबाइक के तौर पर लॉन्च हुई है। जानिए इसके दमदार इंजन, एडवांस टेक्नोलॉजी, डिजाइन और कीमत से जुड़ी पूरी जानकारी।


Yamaha YZF-R1: पावर, टेक्नोलॉजी और स्टाइल का परफेक्ट फ्यूजन


Yamaha ने अपनी पॉपुलर सुपरबाइक YZF-R1 को एक बार फिर अपडेटेड अवतार में पेश किया है। यह बाइक केवल रफ्तार का ही नहीं बल्कि इंजीनियरिंग का भी बेहतरीन नमूना है। Yamaha की इस फ्लैगशिप सुपरबाइक में हर उस राइडर के लिए कुछ न कुछ है जो एक्सट्रीम स्पीड और एडवांस फीचर्स की तलाश में है।


इंजन और परफॉर्मेंस

YZF-R1 में दिया गया 998cc का DOHC, 4-सिलेंडर इंजन 200 PS की पावर और 112.4 Nm का टॉर्क जनरेट करता है। यह इंजन 6-स्पीड गियरबॉक्स और स्लिपर क्लच के साथ आता है, जिससे हाई स्पीड पर भी कंट्रोल बना रहता है। बाइक की टॉप स्पीड लगभग 299 km/h है, जो इसे इंडिया की सबसे तेज रेस-रेडी बाइक्स में से एक बनाती है।


एडवांस टेक्नोलॉजी फीचर्स

YZF-R1 में कई राइडिंग मोड्स दिए गए हैं जैसे कि:


Power Delivery Modes


Traction Control System (TCS)


Slide Control System (SCS)


Wheel Lift Control (LIF)


Engine Brake Management (EBM)


Launch Control System (LCS)


इसके अलावा, बाइक में इनबिल्ट Quick Shift System (QSS) भी है, जो गियर शिफ्टिंग को स्मूद और तेज बनाता है।


डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी

बाइक का लुक पूरी तरह से ट्रैक-रेडी है। इसके LED DRLs, शार्प फ्रंट फेयरिंग और अल्युमीनियम डेल्टाबॉक्स फ्रेम इसे प्रोफेशनल रेसर बाइक्स जैसा लुक देते हैं। नया Icon Blue और Midnight Black कलर ऑप्शन युवाओं के बीच खासा पसंद किया जा रहा है।


माइलेज और ब्रेकिंग सिस्टम

इस सुपरबाइक में ABS के साथ डुअल डिस्क ब्रेक (फ्रंट) और सिंगल डिस्क ब्रेक (रियर) मिलते हैं। माइलेज की बात करें तो R1 लगभग 12-15 km/l तक दे सकती है, जो इस सेगमेंट में ठीक माना जाता है।


भारत में कीमत और उपलब्धता

Yamaha YZF-R1 की एक्स-शोरूम कीमत भारत में ₹20 लाख से ₹22 लाख के बीच है। इसे चुनिंदा Yamaha डीलरशिप्स पर बुक किया जा सकता है और कुछ शहरों में यह प्री-बुकिंग पर ही उपलब्ध है।


Yamaha YZF-R1 उन बाइकरों के लिए है जो सिर्फ एक बाइक नहीं बल्कि एक एक्सपीरियंस चाहते हैं। यह बाइक ना सिर्फ ट्रैकों पर बल्कि हाइवे पर भी अपनी पकड़ और पावर का शानदार प्रदर्शन करती है।


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सिंधु जल समझौते को लेकर रवींद्र सिंह भाटी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पश्चिमी राजस्थान के लिए पानी की मांग

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 सिंधु जल समझौते को लेकर रवींद्र सिंह भाटी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पश्चिमी राजस्थान के लिए पानी की मांग




नई दिल्ली/जयपुर:

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के ऐतिहासिक निर्णय को लेकर राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। भाटी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे “पाकिस्तान को करारा जवाब” करार दिया और साथ ही पश्चिमी राजस्थान को सिंधु नदी का पानी देने की मांग भी उठाई है।


सिंधु जल समझौता रद्द करने पर भाटी ने जताया समर्थन

रवींद्र भाटी ने पीएम मोदी को संबोधित अपने पत्र में लिखा:


“यह फैसला ऐतिहासिक है और पाकिस्तान के कायराना हमले का उचित जवाब है।”
उन्होंने सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए इसे राष्ट्रीय हित में उठाया गया कदम बताया।
पश्चिमी राजस्थान को पानी देने की उठाई मांग
भाटी ने पत्र में यह भी कहा कि पश्चिमी राजस्थान लंबे समय से पानी की भीषण समस्या से जूझ रहा है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं: सिंधु नदी का पानी यदि पश्चिमी राजस्थान की ओर मोड़ा जाए तो यह इलाका हरा-भरा हो सकता है।
“आप इस पानी को लंबे समय तक रोक कर नहीं रख सकते। उसे उपयोग में लाना होगा, और राजस्थान इसका सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर सकता है।” इससे बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा जैसे जिलों में पीने के पानी और सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सकता है।
“विकास और समृद्धि दोनों मिलेंगे”
भाटी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस पानी को राजस्थान को उपलब्ध कराती है: इससे क्षेत्रीय विकास और समृद्धि संभव होगी।
स्थानीय लोगों को पानी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
पाकिस्तान को विकास के जरिये जवाब भी मिलेगा।

रवींद्र सिंह भाटी का यह पत्र सिंधु जल विवाद पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी केंद्र में रखा गया है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

Vaibhav Suryavanshi : 3 घण्टे सोती थी मां, पिता ने बेचे खेत और घर, वैभव ने बताई अपनी दर्द भरी कहानी

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Vaibhav Suryavanshi : 3 घण्टे सोती थी मां, पिता ने बेचे खेत और घर, वैभव ने बताई अपनी दर्द भरी कहानी !





Vaibhav Suryavanshi life story : 35 गेंदों पर IPL शतक जड़ने वाले वैभव सूर्यवंशी ने बताया कि उनकी मां रोज सिर्फ 3 घंटे सोती थीं और पिता ने नौकरी छोड़ दी, ताकि वह क्रिकेटर बन सकें. परिवार ने कठिन हालात में भी उनका सपना पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने अपने संघर्षों की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उनकी मां सिर्फ 3 घंटे सोती थीं और पिता ने उनका क्रिकेट सपना पूरा करने के लिए अपना काम छोड़ दिया था. जमीन व घर तक बेच डाला, परिवार ने कठिन परिस्थितियों में घर चलाया, लेकिन वैभव के क्रिकेटर बनने के सपने को जिंदा रखा.




आज उनका संघर्ष और परिवार के त्याग ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. वैभव ने IPL T20 संग बात करते हुए अपनी ऐत‍िहास‍िक पारी, अपने संघर्ष, पर‍िवार के सपोर्ट और आगे के लक्ष्य के बारे में बात की. 




वैभव ने कहा- 'जो भी मैं आज हूं अपने फैमिली की वजह से हूं. मेरी प्रैक्ट‍िस की वजह से मां 2 बजे रात में उठती थीं. वो रात में 11 बजे सोती थीं और केवल तीन घंटे की नींद लेती थीं. फ‍िर मेरे ल‍िए वो खाना बना रही हैं. पापा ने काम छोड़ दिया, मेरा बड़ा भाई पापा का काम संभाल रहा है और उसी से मुश्क‍िल से घर चल रहा है. और पापा मेरे पीछे लगे हुए हैं कि तुम करेगा, तुम करेगा, तुम करेगा... भगवान देखते हैं कि मेहनत करने वाले को कभी असफलता नहीं मिलती है.



IPL 2025: वैभव सूर्यवंशी का पहला शतक, सीनियर्स से मिला भरोसा, कहा - 'मैं ज्यादा नहीं सोचता'

नई दिल्ली:
IPL 2025 में धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने अपने तीसरे ही मैच में पहला शतक जड़कर क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। वैभव ने 35 गेंदों में तूफानी शतक लगाया, जिसमें 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। मैच के बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन के पीछे की वजह बताई – सीनियर्स का सपोर्ट और खुद पर भरोसा।

सीनियर्स का मिला साथ, बढ़ा आत्मविश्वास
वैभव सूर्यवंशी ने इंटरव्यू में बताया कि टीम के सीनियर खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ लगातार उन्हें मोटिवेट करते रहते हैं।
मुख्य बातें:

संजू सैमसन, रियान पराग, यशस्वी जायसवाल, और नीतीश राणा जैसे खिलाड़ी हमेशा सकारात्मक बातें करते हैं।

वैभव ने कहा: "ये लोग कहते हैं कि तू कर सकता है, तू टीम को जिता सकता है। इससे मेरा कॉन्फ‍िडेंस हाई रहता है।"

उन्होंने यह भी बताया कि सीनियर्स से बातचीत करके वह मैदान में नर्वसनेस से बाहर निकल आते हैं।

पहली बॉल पर छक्का मारना क्यों है वैभव के लिए "नॉर्मल"?
मैच के दौरान पहली ही गेंद पर छक्का लगाने को लेकर वैभव ने कहा:
"मैं पहले भी अंडर-19 इंडिया और घरेलू क्रिकेट में ऐसा कर चुका हूं। अगर गेंद मेरे रडार में आती है, तो मैं मारता हूं। मुझे फर्क नहीं पड़ता सामने कौन बॉलर है। मेरा फोकस इंडिया के लिए खेलने की तैयारी पर है।"

IPL में पहला शतक, तीसरी ही पारी में कमाल
मैच हाइलाइट्स:

शतक: 35 गेंदों में

छक्के: 11

चौके: 7

प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम किया

मैच के बाद वैभव ने कहा:
"बहुत अच्छा लग रहा है। आईपीएल में शतक बनाना मेरा सपना था, जो अब पूरा हो गया।"

'मैं ज्यादा नहीं सोचता, सिर्फ खेलता हूं' - वैभव
अपनी बल्लेबाजी के स्टाइल पर उन्होंने कहा:
"मैं ज्यादा सोचता नहीं हूं, बस गेंद देखता हूं और खेलता हूं।"
उन्होंने यशस्वी जायसवाल की तारीफ करते हुए कहा कि उनके साथ बैटिंग करना अच्छा लगता है क्योंकि वे उन्हें गाइड करते हैं और हमेशा पॉजिटिव बातें करते हैं।

निष्कर्ष: वैभव सूर्यवंशी बने नई उम्मीद की किरण
वैभव सूर्यवंशी का यह प्रदर्शन न केवल आईपीएल 2025 का सबसे रोमांचक क्षणों में से एक है, बल्कि यह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी उम्मीद भी बनकर उभरा है।




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