नई दिल्ली। 6 अप्रैल की रात भारत ने एक साहसी कदम उठाते हुए पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" का हिस्सा था, जिसमें एक नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा — कर्नल सोफिया कुरैशी। वह इस ऑपरेशन की प्रमुख सैन्य अधिकारी रही हैं और उनके नेतृत्व में यह मिशन सफलता तक पहुंचा।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म वर्ष 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और उसके बाद वर्ष 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई से सैन्य प्रशिक्षण लेकर सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की।
उनका सैन्य करियर कई अभियानों और राहत कार्यों से भरा रहा है, जिनमें उत्तर-पूर्व भारत की बाढ़ राहत में भी उनकी अहम भूमिका रही।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कल रात को पाकिस्तान के आतंकवादी की नींद हराम हो गई। पड़ोसी देश में मौजूद कल 9 आतंकी गुटों पर हवाई हमला किया गया। ये हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया। इस ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की अहम भूमिका रही है।
कल रात से ऑपरेशन सिंदूर ऐसा नाम बन गया है, जो सुर्खियों में चल रहा है। चलिए जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को कितनी सैलरी मिलती है।
सोफिया कुरैशी को कितनी मिलती है सैलरी?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने साल 1999 में ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) से ट्रेनिंग लेने के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुई थी। उन्होंने इससे पहले उत्तर-पूर्व भारत के बाढ़ राहत पर भी अहम भूमिका निभाई है।
अगर उनकी सैलरी की बात करें तो उनकी बेसिक सैलरी ही ₹1,21,200 - ₹2,12,400 के बीच है। इसके अलावा भी भारत सरकार की ओर से उन्हें कई तरह के भत्ते और बेनिफिट दिए जाते हैं।
क्या-क्या मिलता है भत्ता?
बेसिक पे के अलावा कर्नल सोफिया कुरैशी को महंगाई भत्ता भी दिया जाता है, जो चल रही महंगाई पर निर्भर करता है।
इसके अलावा उन्हें मिलिट्री सर्विस पे के तौर पर हर महीने 15,500 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि Brigadier रैंक के नीचे सभी अधिकारियों को मिलती है।
वहीं सभी आर्मी वालों को घर के लिए एचआरए दिया जाता है। इसके अलावा आर्मी पर्सन कितने रिस्क वाले एरिया में काम कर रहा है, इसके आधार पर Field Area Allowance दिया जाता है। ये आमतौर पर 10,500 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक होते हैं।
इसके अलावा 3600 रुपये से 7200 रुपये तक ट्रांसपोर्ट अलाउंस या भत्ता दिया जाता है। ये लोकेशन पर निर्भर करता है। वहीं अगर कोई स्पेशन फोर्स यूनिट में काम करता है, तो उसे 25,000 रुपये तक दिए जाते हैं।
सभी आर्मी वालों को हर साल uniform Allowance के तहत 20 हजार रुपये दिए जाते हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
सोफिया का जन्म साल 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ। वे मूल रूप से यहीं की रहने वाली है। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर साल 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से ट्रेनिंग ली। जिसके बाद उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में काम करना शुरू किया।
ऑपरेशन सिंदूर की हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी: जानिए सैलरी, भत्ते और जीवन से जुड़ी अहम बातें
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
"ऑपरेशन सिंदूर" एक हाई-प्रोफाइल मिलिट्री मिशन है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर सक्रिय 9 आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। इस ऑपरेशन में कर्नल सोफिया की रणनीतिक योजना और नेतृत्व निर्णायक रहा।
कर्नल सोफिया कुरैशी की सैलरी कितनी है?
भारतीय सेना में कर्नल रैंक वाले अधिकारियों की सैलरी काफी प्रतिष्ठित होती है।
कर्नल सोफिया कुरैशी की बेसिक सैलरी करीब ₹1,21,200 से ₹2,12,400 तक होती है। इसके अतिरिक्त उन्हें कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं।
उन्हें मिलने वाले प्रमुख भत्ते:
मिलिट्री सर्विस पे (MSP): ₹15,500 प्रति माह
महंगाई भत्ता (DA): वर्तमान महंगाई दर पर आधारित
House रेंट अलाउंस (HRA): पोस्टिंग स्थान के अनुसार
फील्ड एरिया अलाउंस: ₹10,500 से ₹25,000 तक
ट्रांसपोर्ट अलाउंस: ₹3,600 से ₹7,200 तक
स्पेशल फोर्स अलाउंस (यदि लागू): ₹25,000 तक
यूनिफॉर्म अलाउंस: सालाना ₹20,000
इन सुविधाओं से यह साफ है कि न केवल सैलरी बल्कि अतिरिक्त भत्तों के साथ एक आर्मी अधिकारी को आर्थिक रूप से भी मजबूत सपोर्ट मिलता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी आज भारत की उन वीर महिलाओं में शामिल हैं, जो ना सिर्फ सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों में उनकी भूमिका यह साबित करती है कि भारत की बेटियाँ हर मोर्चे पर देश का नाम रोशन कर रही हैं।
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